शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा है कि जब जब शिवसेना मे विभाजन हुआ उसके पीछे शरद पवार का हाथ रहा है. केसरकर ने कहा कि नारायण राणे की शिवसेना से बगावत के वक्त पवार ने उन्हें प्रोत्साहन दिया था। राज ठाकरे जब शिवसेना से अलग हुए थे तो उस वक्त भी पवार ने उन्हें शह दी थी। उन्होंने कहा जब मैं एनसीपी में था उस वक्त मुझे ये सारी बातें पता चली। केसरकर ने कहा कि पवार को महाराष्ट्र की जनता को जवाब देना चाहिए की उन्होंने शिवसेना को टूटने में क्यों मदद की और बालासाहेब को क्यों परेशान किया।
बालासाहेब के रहते सभी बड़े नेता मातोश्री पर आते थे पर पवार की इच्छा रहती थी की लोग उनके सिल्वर ओक पर आए। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी हमेशा बालासाहेब से ही मिलने जाते थे। गौरतलब है की शिवसेना से बगावत करने वाले छगन भुजबल को पवार ने कांग्रेस में शामिल कराया था। बाद में वे पवार के साथ एनसीपी में चले गए। फिलहाल वे पवार के साथ ही हैं।
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