महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस के सत्ता में आते ही महाविकास अघाड़ी सरकार के कई फैसलों को रद्द कर दिया गया है और कुछ विकास कार्यों को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अब शिवसेना-भाजपा सरकार ने इस अहम मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस के हाथ से लेकर सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।
सरकार ने फोन टैपिंग रिपोर्ट लीक मामले की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में मुंबई और पुणे में दो मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें तत्कालीन विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्य गवाह थे, पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया।
साथ ही इस मामले में पुलिस अधिकारी और मुख्य आरोपी रश्मि शुक्ला के खिलाफ सांसद संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एकनाथ खडसे के बयान भी दर्ज किए गए। इस मामले में मुंबई पुलिस की ओर से दायर मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, जबकि पुणे पुलिस ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है।
साथ ही जलगांव में एक शिक्षण संस्थान पर कब्जा करने के क्रम में संस्था के निदेशक को अगवा कर पीटा गया और पांच लाख की फिरौती ली गई। खबर है कि वर्तमान सरकार ने भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन समेत जलगांव में 29 लोगों के खिलाफ कोथरुड थाने में दर्ज केस को भी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।