उद्धव ठाकरे के विश्वस्त विधायकों और सांसदों को फोड़ने के बाद एकनाथ शिंदे ने बालासाहेब के जमाने के पहले दर्जे के नेताओं की ओर अपना रुख कर लिया है| पिछले हफ्ते गजानन कीर्तिकर से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कल रामदास कदम से मुलाकात की और उनसे पूछताछ की और आज उन्होंने लीलाधर दाके और शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी से मुलाकात की|
एकनाथ शिंदे ने हाल ही में चुनाव आयोग से संपर्क किया था और मांग की थी कि उन्हें शिवसेना पार्टी और धनुष्यबन दी जाए। उसके बाद चुनाव आयोग भी सक्रिय हो गया। हालांकि इसके खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। चूंकि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा दायर की गई है, इसलिए इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि शिवसेना किससे संबंधित है। इसी पृष्ठभूमि में दिल्ली से लेकर सड़कों तक शिवसेना पार्टी किस तरह उनके साथ है, यह साबित करने के लिए एकनाथ शिंदे बैठकें कर रहे हैं|
इसी पृष्ठभूमि में एकनाथ शिंदे ने आज शिवसेना के वरिष्ठ नेता लीलाधर दाके से मुलाकात की। लीलाधर दाके शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। कुछ दिन पहले शिंदे ने सांसद गजानन कीर्तिकर से मुलाकात की थी। इन सभी समूहों को शिवसेना के पुराने परिचितों और वफादारों के रूप में जाना जाता है। अनुमान है कि अगर इन लोगों को अपने पक्ष में कर लिया जाता है, तो उद्धव ठाकरे को छोड़कर एकनाथ शिंदे समूह में शामिल होने से हिचकिचा रहे शिवसैनिकों की मानसिकता बदल सकती है|
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