राष्ट्रीय दलों को चंदा कहां से मिलता है, कितना मिलता है, कौन देता है, यह सारा विवाद हमेशा के लिए बना हुआ है। क्योंकि इसमें पारदर्शिता का भी अभाव के कारण यह सवाल खड़े हुए। अब इन्हीं सवालों में एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से 15,077 करोड़ रुपये मिले। यह पैसा कहां से आया? जिसका कोई अभिलेख नहीं मिल पाता है ।
रिपोर्ट के मुताबिक 2004 से 2005 और 2020 से 2021 के बीच राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से 15,077.97 करोड़ रुपये मिले। वहीं, यह आंकड़ा केवल 2020-21 के लिए 690.67 करोड़ तक जाता है। एडीआर ने इस रिपोर्ट में कुल आठ राष्ट्रीय दलों और 27 क्षेत्रीय दलों को शामिल किया। ऐसे में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। वर्ष 2020 और 2021 के बीच, देश के आठ राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से 426.74 करोड़ रुपये मिले, जबकि क्षेत्रीय दलों ने 263.92 करोड़ रुपये का आंकड़ा बताया गया है।
एडीआर की रिपोर्ट में (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स)कांग्रेस पार्टी सबसे ऊपर है क्योंकि उसे 2020 से 2021 तक अज्ञात स्रोतों से 178.78 करोड़ रुपये मिले हैं, जो उसकी कुल आय का 41.89 प्रतिशत है। भाजपा की बात करें तो उसे एक अज्ञात स्रोत से 100.50 करोड़ रुपये मिले हैं| दूसरी ओर क्षेत्रीय दलों में वाईएसआर कांग्रेस (96.25 करोड़), डीएमके को 80.02 करोड़, बीजद को 67 करोड़, मनसे रु. 5.77 करोड़ और आप को 5.4 करोड़ रुपये मिले हैं|
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी है कि वित्तीय वर्ष 2004-05 और 2020-21 के दौरान कूपन की बिक्री से कांग्रेस और एनसीपी की आय 4,261.83 करोड़ रुपये है। अब इन आंकड़ों को सत्यापित किया जा सकता है, लेकिन एडीआर के अनुसार, सात पार्टियां हैं, जिनकी ऑडिट और योगदान रिपोर्ट में विसंगतियां पाई गई हैं, सूची में आम आदमी पार्टी, सीपीआई, केसी-एम जैसे दल शामिल हैं।
यह भी पढ़ें-