28 C
Mumbai
Friday, September 20, 2024
होमन्यूज़ अपडेटजनजागरण के लिए जगह-जगह लगाएं बोर्ड

जनजागरण के लिए जगह-जगह लगाएं बोर्ड

विधवाओं से जुड़ी कुप्रथाओं पर रोक लगाने के अभियान में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता ने की अपील

Google News Follow

Related

विधवाओं से संबंधित भेदभावपूर्ण कुप्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने के अभियान की अगुवाई कर रहे एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को महाराष्ट्र की ग्राम पंचायतों से इस तरह की कुप्रथाओं पर रोक लगाने के अपने कदमों का प्रचार-प्रसार करने की अपील की। प्रमोद जिंजाडे ने अपनी अपील में कहा कि लगभग 7,000 गांवों ने अपनी ग्राम सभाओं के माध्यम से ऐसे प्रस्ताव पारित किए हैं। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों को स्वयं को ‘‘ऐसे गांव के रूप में घोषित करने के लिए कहा है, जिन्होंने खुद को विधवाओं से संबंधित कुरीतियों से मुक्त कर लिया है।’’

उन्होंने कहा कि इन गांवों को विधवाओं से संबंधित कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता पैदा करने तथा इस कदम को और बढ़ावा देने के लिए कम से कम पांच सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता संदेश लगाने चाहिए। प्रमोद ने कहा कि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को जागरूकता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए पहल करनी चाहिए और ग्राम पंचायतों को आवश्यक निर्देश देना चाहिए। इस साल 17 मई को महाराष्ट्र सरकार ने सभी गांवों को कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ की पहल का अनुसरण करने के लिए कहा था, जो इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला देश का पहला गांव बन गया था।

इस प्रस्ताव में विधवाओं से जुड़ी रस्मों के तहत सिंदूर पोंछने, मंगलसूत्र हटाने और चूड़ियां तोड़ने जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसमें यह भी निर्धारित किया था कि विधवाओं के साथ धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भेदभाव नहीं किया जाएगा।   इस साल के शुरूआत में, जिंजाडे ने स्थानीय प्राधिकारियों को एक हलफनामा सौंपा था जिसमें कहा गया था कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी पर ये कुप्रथाएं ना थोपी जाएं।

ये भी पढ़ें

साईं के शिरडी नगर में भारी बारिश,जनजीवन अस्त-व्यस्त

​नीतीश कुमार ने किया चंद्रशेखर राव का अपमान?-भाजपा का वीडियो ट्वीट

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,379फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें