मेरे राज्यपाल के तौर पर एक साल पूरे होने पर राज भवन के अधिकारियों ने एक पुस्तिका प्रकाशित की जिसमे मेरा उल्लेख ’जन राज्यपाल’ के तौर पर किया पर इससे कुछ लोगो को दर्द हो गया। मेरा दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर फिर ऐसी पुस्तिका तैयार की पर मैंने उसे छापने से मना कर दिया। पर अब तीन साल पूरे होने पर तीन किताबे छाप दी गई हैं। राज्यपाल कोश्यारी बतौर राज्यपाल तीन साल कार्यकाल पूरा होने पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। बता दे की राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने इसको लेकर राज्यपाल की आलोचना की थी।
कोश्यारी के बतौर राज्यपाल तीन साल पूरे होने पर राजभवन में तीन पुस्तको का विमोचन किया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक और नागालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य व लोकमत मीडिया समूह के विजय दर्डा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि कोश्यारी ने 5 सितंबर 2019 को बतौर महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा की उत्तर प्रदेश का राज्यपाल रहते मैं अपने कामकाज का सालाना रिपोर्ट प्रकाशित करता था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को मेरी यह पहल पसंद आई और राज्यपालों के सम्मेलन में उन्होंने सभी राज्यपालों से कहा की राम नाईक की तरह देश के सभी राज्यों के राज्यपाल इसी तरह की रिपोर्ट तैयार करें।
कई मायनों में अनोखे राज्यपाल साबित हुए कोश्यारी: कई मायनों में कोश्यारी महाराष्ट्र के लिए अनोखे राज्यपाल साबित हुए हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के राजभवन में आने के बाद से हर दिन राजभवन गुलजार रहता है। बहुत कम ऐसा दिन होता है, जब राजभवन में किसी सामाजिक संस्था का कार्यक्रम न आयोजित हो। एक तरफ जब राज्य के तत्कालिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके मंत्रियों तक की मुलाकात बड़ी मुश्किल से हो पाती है तो दूसरी तरफ राजभवन के दरवाजे आम जनता के लिए भी हमेशा खुले रहते रहते थे।
80 साल की उम्र और ऐसी सक्रियता: अस्सी साल की उम्र में राज्यपाल की सक्रियता का हर कोई कायल है। राज्यपाल कोश्यारी के नाम तीन-तीन मुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाने का रिकार्ड भी है। कोश्यारी के पूर्ववर्ती राज्यपाल सी विद्या सागर राव 5 साल 5 दिनों तक राज्यपाल रहे थे। अब तक महाराष्ट्र में बतौर राज्यपाल पीसी एलेक्जेंडर का कार्यकाल सबसे लंबा था। वे नौ सालों तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे थे।
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