पीएफआई पर केंद्र सरकार ने पांच साल क़े लिए प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने पीएफआई क़ो अवैध संस्था घोषित किया हैं। केंद्र ने पीएफआई का काला चिट्टा खोलते हुए कहा कि यह संस्था आतंकी गतिविधियों में लिप्त थीं। जिसकी वजह से उस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा हैं।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि पीएफआई पर पांच साल क़े लिए प्रतिबंधित किया जाता हैं। सरकार ने कहा की संगठन क़े टेरर लिंक और देश की आंतरिक सुरक्षा क़ो होने वाले क़ो देखते हुए इसे प्रतिबंधित किया गया है। अधिसूचना में लिखा है कि संगठन क़े अन्य सहयोगी विंग राजनितिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में लिप्त है। बावजूद इसके वे अलग अजेंडा चला रहे थे। प्रतिबंध के बाद संगठन से जुडी सभी सम्पत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
केंद्र ने इसके काले कारनामे को गिनाते हुए कहा कि इसके सदस्य आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हैं और विदेश से फंडिंग की जा रही है जिसके जरिये देश में अस्थिरता, हिंसा और भय का माहौल बनाया जा रहा है। बात दें कि सरकार ने दो बार पीएफआई पर कार्रवाई की है। पहली बार तेरह राज्यों में उसके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इतना ही नहीं ,उसके सौ से ज्यादा नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं एक दिन पहले भी आठ राज्यों में छापेमारी की गई थी, जिसमें दो सौ से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई की गई। और इतने ही लोगों को हिरासत में भी लिया गया था, जबकि लगभग तीस लोगों को गिरफ्तार किया गया।
ये भी पढ़ें
महिला पायलटों ने भारत-चीन सीमा पर SU-30 विमान का किया अभ्यास