एक ओर जहां शिवसेना नेता संजय राउत की जमानत मंजूर नहीं हुई है। तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को ईडी के मामले में जमानत मिल गई है। बता दें कि पात्रा चाल में जांच का सामना कर रहे संजय राउत को धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया है। उनको जेल में रहते हुए 65 दिन हो गए हैं।
मंगलवार को उनकी हिरासत को 10 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। एक हजार करोड़ रूपये के पात्रा चाल मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रही है। जबकि अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। बताया जा रहा है कि देशमुख को एक लाख रूपये के मुचलके पर छोड़ा गया। अनिल देशमुख भी धन शोधन के मामले में ही जेल में बंद है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांडिंग एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 10 अक्टूबर संजय राउत को हिरासत में भेज दिया।
इस मामले की कोर्ट ने 19 सितंबर को सुनवाई हुई थी। इसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए हिरासत में भेज दिया गया था।गौरतलब है कि संजय राउत को पात्रा चाल पुर्नविकास परियोजना में अनियमितता के आरोप उन्हें एक अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले उनसे पूछताछ के लिए ईडी उन्हें बुलाया था। अगस्त में ही उनकी पत्नी वर्षा राउत से भी पूछताछ की गई थी।
जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे देशमुख: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ईडी के मामले में जमानत दे दी है। कई माह से एनसीपी नेता देशमुख जेल में बंद थे। धन शोधन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उन्हें एक लाख मुचलका जमा करने पर जमानत दी गई है। हालांकि, अनिल देशमुख को बेल मिलने के बाद वे जेल से बाहर नहीं आ सकते। इसकी वजह देशमुख पर सीबीआई की केस है, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली है। हालांकि, उनके बाहर आने के चांस बढ़ गए हैं।
गौरतलब है कि अनिल देशमुख पर धन उगाही के केस में ईडी ने कार्रवाई की थी। इस मामले में उन्हें बांबे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। अनिल देशमुख कई माह से जेल में बंद है। उन्हें 2021 में 2 नवंबर को ईडी ने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें जेल में रहते हुए लगभग 11 माह हो गए हैं।
अनिल देशमुख को कोर्ट के जज एनजे जमादार की पीठ ने एक लाख रूपये का मुचलका जमा करने का निर्देश दिया था। सबसे पहले अनिल देशमुख के खिलाफ बीते साल के अप्रैल माह में केस दर्ज किया था। इसी आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद उन्हें ईडी ने नवंबर माह में गिरफ्तार किया था। बता दें कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्होंने शहर बार,रेस्टोरेंट और होटलों से पुलिस कर्मियों के माध्यम से वसूली कराई। जिसमें बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे भी शामिल थे।
गौरतलब हैं कि सचिन वाजे के खिलाफ एनआईए जांच कर कर रही है। सचिन पर आरोप है कि उन्होंने एंटीलिया यानी मुकेश अंबानी के घर बाहर विस्फोटक रखवाया था। एंटीलिया के पास एक कार में विस्फोटक भी पाया गया था. जिसके बाद इस मामले में एनआईए ने आतंकी कनेक्शन होने के शक में इसकी जांच अपने हाथ ले ली थी। इस मामले संदिग्ध मनसुख हिरेन की मौत के बाद यह मामला और तूल पकड़ लिया था। माना जाता है कि इस घटना के मास्टर माइंड सचिन वाजे है।
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