राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज औरंगाबाद जिले के विभिन्न गांवों में कृषि क्षति का निरीक्षण किया| उद्धव ठाकरे ने खेत को हुए नुकसान को देखा और किसानों से बात की और उन्हें आश्वस्त करने के लिए पेंधापुर से खेत तटबंध पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को बाढ़ और सूखा घोषित करना चाहिए|
उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसानों ने राज्य सरकार से 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता देने की मांग की है, जिसे शिवसेना का समर्थन प्राप्त है| उद्धव ठाकरे ने आलोचना की कि यह सरकार एक भावनाहीन सरकार है, यह एक जश्न मनाने वाली सरकार है, यह भी नहीं देखती है कि राज्य के लोग त्योहार मनाते हुए पीड़ित हैं।
महाविकास अघाड़ी का ढाई वर्ष का काल कोरोना की चपेट में रहे। अगर किसानों ने तालाबंदी के दौरान काम नहीं किया होता, तो वे दिवालिया हो जाते। आजकल बारिश की शुरुआत चक्रवात से होती है। फिर बाढ़ और बादल फटने लगते हैं। पिछले हफ्ते पुणे में बाढ़ आया। इस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कितनी बारिश हो यह तय करना नगर निगम के हाथ में नहीं है| उद्धव ठाकरे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बारिश और कीचड़ के बारे में वे कहेंगे कि बारिश की मात्रा सरकार के हाथ में नहीं है|