मुंबई में अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा क्षेत्र के लिए बृहस्पतिवार को होने वाला उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार के पिछले महीने मैदान से हटने के बाद महज औपचारिकता भर है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े की उम्मीदवार रुतुजा लटके के अब आराम से जीत दर्ज करने की उम्मीद है। उनके खिलाफ छह उम्मीदवार हैं जिनमें से चार निर्दलीय हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। इस साल मई में रुतुजा लटके के पति एवं शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण अंधेरी (पूर्वी) सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों की बगावत से शिवसेना के दो खेमों में बंटने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार के पतन के बाद यह पहला चुनाव है।
जानकारों का मानना है कि अपने उम्मीदवार को हटाने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कदम का उद्देश्य यह है कि वह नहीं चाहती रुतुजा लटके के चुनाव में जीतने की स्थिति में इसका श्रेय उद्धव ठाकरे को मिले। उन्होंने दावा किया कि भाजपा और शिंदे धड़े का मुख्य उद्देश्य धन संपदा से संपन्न बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को हटाना है, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होना है। पिछले महीने भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवार मुर्जी पटेल को उपचुनाव की दौड़ से हटाए जाने से पहले, इस उपचुनाव को पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के लिए एक अग्निपरीक्षा और मतदाताओं के रुख का आकलन करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा था।
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