राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर जो टिप्पणी की उस पर काँग्रेस भी हैरानी जताती नजर आ रही है। दरअसल एक साक्षात्कार के दौरान गहलोत ने पायलट को गद्दार करार दे दिया था। जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच जारी मुख्यमंत्री पद का विवाद पुनः एक बार बढ़ गया है।
दरअसल साक्षात्कार में बातचीत के दौरान गहलोत ने 2020 में राजस्थान काँग्रेस में हुई बगावत का जिक्र किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता, आलाकमान सचिन पायलट को मुख्य मंत्री नहीं बना सकता।’ हालांकि इस साक्षात्कार के बाद काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘कुछ शब्दों की उम्मीद नहीं थी।’
गहलोत ने आगे कहा, ‘एक आदमी जिसके पास 10 विधायक नहीं है, उसने बगावत की। उसने पार्टी को धोखा दिया है, वह गद्दार हैं। बता दें की साल 2020 में पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुँच गए थे। हालांकि, उनकी बगावत असफल साबित रही जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद भी गंवाना पड़ गया था। साक्षात्कार के दौरान गहलोत से 90 विधायकों की बगावत को लेकर भी सवाल किया गया था। जिस पर गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह कोई बगावत नहीं थे, बल्कि एक तरह से बगावत पहले हई थे, जब लोग 34 दिनों तक होटल में ठहरे थे। हालांकि ये जो 90 लोग जुटे थे, वही लोग है, जिन्होंने उस समय सरकार बचाई थे। बगैर इनके सरकार नहीं बच सकती थे।
वहीं जब गहलोत से सवाल किया गया कि वे विधायक आपके समर्थक थे। तब गहलोत ने कहा कि, ‘यह बकवास है। उन्होंने कहा सभी लोग मुझे जानते है और देश मुझसे परिचित है। उन्होंने साफ इंकार किया कि विधायकों के बगावत से उनका कोई लेना-देना था। उन्होंने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता हालांकि अगर एक भी विधायक यह कहता है, तो में प्रदेश ही छोड़ दूंगा। उन्होंने अपने बखान में कहा कि गांधी परिवार ने 50 सालों तक उन्हें पुरस्कार दिया हैं। जिसके बदौलत मैं 5 बार सांसद रहा, 3 बार केन्द्रीय मंत्री, तीन बार एआईसीसी महासचिव रहा, तीन बार प्रदेश काँग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, वहीं तीन बार मुख्यमंत्री रहा।
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