मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 दिसंबर भारतीय नौसेना में नवीनतम स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना को समर्पित करेंगे। नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा। इससे भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी तथा देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और चाकचौबंद होगी। भारत में निर्मित शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक इंडियन नेवी शिप (आईएनएस) मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है और इसका वजन 7,400 टन है। जहाज चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन से लैस है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति से चल सकती है। पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
भारतीय नौसेना के ‘वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ ने इस विध्वंसक युद्धपोत को डिजाइन किया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा इसका निर्माण किया गया है। बता दें कि आईएनएस ‘मोरमुगाओ’ का नाम पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। आईएनएम मोरमुगाओ पिछले साल 19 दिसंबर को पहली बार समुद्र में उतरा गया था, क्योंकि इस दिन गोवा में पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाने के 60 साल पूरे हुए थे।
आईएनएस मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसमें इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है। 127 मिलीमीटर गन से लैस आईएनएस मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। इस पर एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम लगा है। साथ ही यह एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर से भी लैस है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत इस स्वदेशी युद्धपोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में यह युद्धपोत सक्षम है। चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरे विध्वंसक को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा। इस युद्ध पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है। गौरतलब है कि भारत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दुस्साहस के मद्देनजर हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है।
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