कई देशों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने कोहराम मचा रखा है। वहीं अब इस वायरस की एंट्री भारत में भी हो गई है। भारत के कई राज्यों में इस नए वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि भारत में यह वायरस चार महीने पहले ही आ गया था, लेकिन इसके मामले नहीं बढ़े थे। बता दें कि बीएफ.7 वैरिएंट के लक्षण गंभीर नहीं हैं, लेकिन इसकी संक्रमण क्षमता काफी तेज है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे संक्रमित व्यक्ति एक साथ 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि अभी भी भारत में ओमीक्रोन के एक्सबीबी वैरिएंट के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।
जहां चीन में ओमीक्रोन बीएफ.7 तबाही मचा रहा है, तो वहीं भारत में एक्सबीबी वैरिएंट के मामले तेजी से सामने आ रहे है। भारत के साथ साथ 34 अन्य देशों में यह वायरस फैला हुआ है। बीएफ.7 अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क सहित दुनियाभर के कई अन्य देशों में पाया गया है। भारत में बीएफ.7 के मामले गुजरात और ओडिशा में मिले हैं। इस वायरस से संक्रमित लोगों को बुखार, गले में खराश, नाक बहना और खांसी जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं। कुछ लोगों को दस्त और उल्टी जैसी पेट संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं।
चीन, जापान के साथ अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में जिस तरह से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 30 से 40 दिनों तक लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी होगी। मास्क पहनने समेत कोविड से बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। वहीं राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा के अनुसार, देशभर में यह स्ट्रेन है और जो भी कोविड के मरीज मिल रहे हैं, उनमें से 40 से 50 फीसदी में एक्सबीबी का ही संक्रमण मिल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि जनवरी में देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम ही रहेगी।
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