महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक लक्ष्मण जगताप का 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने पिंपरी के जुपिटर अस्पताल में अंतिम सांस ली। जगताप, जो पुणे में चिंचवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे, कई दिनों से बीमार थे और उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा था। वहीं इससे पहले पिछले हफ्ते पुणे के कस्बा पेठ से विधायक मुक्ता तिलक का भी कैंसर के कारण निधन हो गया था। इन दोनों के जाने से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
लक्ष्मण जगताप ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम से की थी। 1986 में वे कांग्रेस पार्षद चुने गए। बाद में 1999 में, जब शरद पवार ने एक नई पार्टी एनसीपी बनाई, तो जगताप ने कांग्रेस छोड़ दी और एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 तक अजित पवार के वफादार रहे, उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव शेकप मनसे के समर्थन से लड़ा लेकिन हार गए। उसके बाद विधान सभा में भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा से नामांकन जीता। उन्होंने 2017 के नगर निकाय चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने नगर पालिका में भाजपा को जिताया।
जून में हुए राज्यसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान लक्ष्मण जगताप का एक वोट भी कीमती था, बीमार होने के बावजूद वे एंबुलेंस में वोट डालने पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ने इसके लिए उन्हें और मुक्ता तिलक को धन्यवाद भी दिया, जो पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। 22 दिसंबर को कस्बा पेठे विधायक मुक्ता तिलक के निधन और आज 3 जनवरी को विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन से भाजपा इस बात पर खेद व्यक्त कर रही है कि उसने अपने दो नेताओं को खो दिया है।
विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवारऔर सांसद सुप्रिया सुले समेत कई दिग्गज नेताओं ने दुख जताया है। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में लिखा, “चिंचवाड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण जगताप का निधन। वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते थे। उनके निधन से जगताप परिवार को जो दुख हुआ है, उसमें हम सभी सहभागी हैं।”
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