जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को आखिरकार वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। कई आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने सोमवार को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। यानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर दिया गया है। इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।
भारत और अमेरिका पहले ही मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं। भारत बीते साल यूएन में एक प्रस्ताव भी लाया था, जिससे मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सके, लेकिन चीन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तब उसे वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका था। वह धन जुटाने, भर्ती करने और भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहा है। उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है। मक्की को अमेरिका पहले ही एक आतंकवादी घोषित कर चुका है। वह लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है।
मक्की आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग जुटाने का काम करता रहा है। इसके अलावा कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में भी उसका हाथ रहा है। मक्की भारत के खिलाफ आतंकियों को तैयार भी करता है। मक्की युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाता है और उन्हें भड़काता है। वहीं करीब दो साल पहले यानी साल 2020 में पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में अब्दुल रहमान मक्की को भी 6 महीने की सजा सुनाई थी।
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