पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इतना बुरा समय आ गया है कि पाकिस्तान में खाने पीने के चीजों की कीमत आसमान छू रही है। एक किलो आटे की कीमत डेढ़ सौ रुपए को पार चुकी है। लोगों में आक्रोश है लगातार सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं स्थिति को देखते हुए कई देशों ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता प्रदान की है।
पाकिस्तान भुखमरी के कगार पर है, पाकिस्तान की गरीबी दिखाई दे रही है ऐसी की वो सब जगह भीख माँगता दिखाई दे रहा है। दरअसल यह बात हम नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कह रहे है। दरअसल प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बड़ा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि मित्र देशों से और कर्ज मांगना शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि आर्थिक चुनौतियों का स्थाई समाधान नहीं है। शाहबाज शरीफ ने कहा कि ये शर्म की बात है कि एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश को अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भीख माँगनी पड़ती है। पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा के प्रवेजनी ऑफिसरस को पासींग आउट समारोह में संबोधित करते हुए पाक के पीएम ने कुछ ऐसा कह दिया कि ये वीडियो विश्व भर में वायरल हो गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेशी ऋण मांगना पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने का सही उपाय नहीं है। क्यूंकी ऋण को वापस लौटना भी पड़ता है। और हम इतना सक्षम नहीं है कि ऋण वापस कर पाए। सुनिए उनके इस बयान को
वित्ती सहायता के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमीरात यानी यूएई की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अपने हालिया दौरे के दौरान राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जाएद ने एक अरब अमेरिकी डॉलर और कर्ज देने की घोषणा कर दी। शाहबाज ने मदद के लिए सऊदी अरब की तारीफ और सराहना की। जैसे की आप सभी जानते है कि पाकिस्तान में हालत बेहद खराब है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी की तरफ से एक रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक स्थिति और निर्णय लेने की प्रक्रिया ये सब पाकिस्तान की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है।
सरकार के पास कार्य करने के लिए अधिक समय नहीं है क्यूंकी स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा रखे गए विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहे है। 6 जनवरी तक एसबीपी के पास मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार महज 4.3 अरब डॉलर था। पाकिस्तान के पास सिर्फ़ 3-4 सप्ताह के आयात का ही फंड बचा है। यहाँ पाकिस्तान कि स्थिति यह है कि मित्र देश से संपर्क कर रहा है। जैसे की अभी हमनें आपको बताया कि सऊदी अरब से भी उन्होंने काफी हद तक मदद ली है। पाकिस्तान की फिलहाल जो स्थिति है उसे देख कर लगता है कि वाकई में पाकिस्तान भुखमरी के कगार पर है। और ये खुले तौर पर पाक के पीएम भी कह चुके है। वहीं पाक के पूर्व प्रधानमंत्री यानि इमरान खान ने अलग तरह की घोषणा कर रहे है। वो कह रहे है कि पाकिस्तान संतुष्ट नहीं है। इसलिए शहबाज को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
किसी देश के लिए ये बहुत बड़ी बात होती है कि हमें भीख माँगनी पड़ रही है। पाकिस्तान की तरफ से भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने मिल रहा है। पाकिस्तान की दयनीय स्थिति के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर भारतीय प्रधानमंत्री का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नरेंद्र मोदी कह रहे हैं, ”भाइयों-बहनों, हमने पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकाल दी। उसे कटोरा लेकर दुनिया भर में घूमने के लिए हमने मजबूर कर दिया है।” वहीं हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पीएम मोदी को ‘गुजरात का कसाई’ कहा था। अब जब पाकिस्तान का ख़ज़ाना ख़ाली हो गया है और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ विदेशी दौरे कर क़र्ज़ मांगते चल रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान के भीतर एक बहस चल रही है कि पड़ोसी भारत से संबंध ठीक करना ज़रूरी है।
भारत आज पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक है। भारत दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और ब्रिटेन भारत से पीछे हो गया है। वहीं भारत का लक्ष्य 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है। ” सन 1992 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार महज़ 9.2 अरब डॉलर था। यह 2004 में बढ़कर 100 अरब डॉलर हो गया था। वहीं 2014 में मनमोहन सिंह जब तक प्रधानमंत्री रहे तब तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 252 अरब डॉलर हो गया था। हालांकि मोदी सरकार के शासन में यह बढ़कर 600 अरब डॉलर हो गया और अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़कर तीन ट्रिलियन डॉलर का हो गया।”
पाकिस्तानी मीडिया ने पहली बार भारत की खुलकर तारीफ करते हुए उसे ताकतवर देश बताया है। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि ऐसे वक्त में जब यूक्रेन के मुद्दे को लेकर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं, तब यही दोनों देश भारत के साथ खड़े हैं। यह भारत की बेहतरीन डिप्लोमेसी भी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बातचीत के लिए मैसेज भेजा है। शाहबाज ने कहा, ‘भारतीय लीडरशिप और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए मेज पर बैठते हैं और हमारे बीच के कश्मीर जैसे मसलों पर समझदारी से बात करते हैं।’ शाहबाज का यह बयान तब आया है, जब पाकिस्तान बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहा है। खाने-पीने की चीजों और डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं।
पाकिस्तान के साथ भारत ने 3 युद्ध लड़े। हालांकि इस युद्ध से पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है। पीएम शाहबाज का कहना है कि हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। हम अपनी वास्तविक परेशानियों को सुलझाना चाहते हैं। हम गरीबी को खत्म करना चाहते हैं। हमें खुशहाली और तरक्की चाहिए। हम अपने लोगों को शिक्षा देना चाहते हैं, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं। वहीं पाकिस्तान में कई लोग मांग कर रहे हैं कि भारत से कारोबारी रिश्ता बहाल करना चाहिए और इससे बढ़ती महंगाई को काबू में किया जा सकता है। वहीं पाकिस्तान के लोग यह दलील भी दे रहे हैं कि भारत और चीन में भी तनाव है, लेकिन भारत ने चीन से व्यापार नहीं बंद किया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर पार कर चुका है। हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि शहबाज की तरफ से भेजे गए इस पत्र पर पीएम मोदी अपनी क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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