म्हाडा कॉलोनी में अनिल परब के ऑफिस को कथित तौर पर तोड़े जाने के बाद मुंबई में इस वक्त हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है| इस हरकत के बाद किरीट सोमैया ने परब को मनाने की कोशिश की। इस वजह से अनिल परब के समर्थक और ठाकरे गुट के कार्यकर्ता काफी आक्रामक हो गए। ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने मुंबई में म्हाडा के दफ्तर का घेराव किया था| इससे इस इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
अनिल परब ने कहा कि मेरे नाम से नोटिस जारी करने वाले अधिकारी को आगे लाओ, अनिल परब ने म्हाडा के सीईओ मिलिंद बोरिकर से कहा। इसके अलावा मैं पीछे नहीं हटूंगा, ऐसा अनिल परब ने कहा था। अनिल परब तीन घंटे तक म्हाडा के कार्यालय में बैठे रहे।
इसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान अनिल परब ने किरीट सोमैया पर हमला बोला। मैं उस कार्यालय से संबंधित नहीं हूं जहां विध्वंस किया गया था। म्हाडा ने मुझे ऐसा लिखित पत्र दिया है। उस ऑफिस और जगह से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। म्हाडा ने उनके आरोपों का खंडन किया है।
म्हाडा के पास भवन के नक्शे की मूल प्रति तक नहीं है| मूल मानचित्र के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर ही संबंधित निर्माण अनाधिकृत होता है। लेकिन म्हाडा के पास नक्शा ही नहीं था तो निर्माण को अनाधिकृत कैसे घोषित कर दिया गया। अगर म्हाडा को ये नक्शे आठ दिनों के भीतर नहीं मिलते हैं, तो मैं म्हाडा के खिलाफ उल्लंघन का मामला दर्ज कराऊंगा| मैंने म्हाडा के उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने बिना किसी तकनीकी साक्ष्य के मुझे नोटिस भेजा। अनिल परब ने यह भी कहा कि म्हाडा ने मुझे भेजे गए नोटिस को वापस ले लिया है|
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