क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट में सीनियर सिटिजन्स के लिए कोई खास एलान कर सकती हैं? इस बजट में आरबीआई के रेट सेविंग्स बॉन्ड्स 2020 की तर्ज पर किसी अन्य योजना का ऐलान हो सकता है, जिससे वरिष्ठ जनों की वार्षिक आय पर टैक्स में छूट की सुविधा मिल सकती है। साथ ही टैक्स स्लैब में भी बुजुर्गों को सरकार थोड़ी छूट दे सकती है। दरअसल 2022-23 के बजट में सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए टैक्स स्लैब में छूट दी थी। जिसके तहत ढाई लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया था।
बुजुर्गों को अभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए साल में 50 हजार रुपये तक प्रीमियम भुगतान करने पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। यह लाभ उनके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अदा करने वाले उनके बच्चों को भी मिलता है। बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम आम तौर पर काफी अधिक होता है। इसे ध्यान में रखते हुए यह लिमिट बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये की जानी चाहिए।
हेल्थ इंश्योंरेस पॉलिसी में ओपीडी में होने वाले इलाज का खर्च, डॉक्टर की फीस, दवाओं का बिल और जांच के खर्च जैसी चीजों को कवर नहीं किया जाता। जबकि आम तौर पर बुजुर्गों के इलाज में ऐसे खर्चों का हिस्सा काफी अधिक होता है। ऐसे में इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च को बिना किसी सीमा के पूरी तरह टैक्स मुक्त किया जाना चाहिए।
सीनियर सिटिजन्स की यह मांग काफी पुरानी है। लंबे समय तक काम करने के बाद जब वे रिटायर होते हैं, तो उनकी जिंदगी भर की जमापूंजी ही उनके काम आती है। जबकि महंगाई साल दर साल बढ़ती ही जाती है। ऊपर से उनकी सारी पेंशन या एन्युइटी से होने वाली आय पर इनकम टैक्स भरना पड़ता है. जिससे उनकी जमापूंजी और भी घटती चली जाती है। लिहाजा, असर सरकार बुजुर्गों की पेंशन से होने वाली आय को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दे, तो यह बेहद सराहनीय कदम होगा।
ये भी देखें