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महिलाओं में होने वाले 5 प्रमुख कैंसर, ये कैंसर के जानलेवा प्रकार हैं…

हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

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हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर की बीमारी के प्रति जागरुकता अभियान के लिए यह दिवस मनाया जाता है। हम जानते हैं कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। अगर कैंसर का शुरुआती चरण में पता नहीं चला तो मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, अक्सर महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं। यदि कैंसर का समय पर निदान और इलाज नहीं किया जाता है, तो कैंसर के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। लेकिन कई महिलाओं को कैंसर के बारे में पता ही नहीं होता है। भारत में इस समय महिलाओं में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे है जिसमें ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और मुंह के कैंसर की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार हैं जैसे- ब्लड कैंसर, कोलन और रेक्टल कैंसर, किडनी कैंसर, लिवर कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, अग्नाशय का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, थायराइड कैंसर, मेलेनोमा, ब्रेन कैंसर, सिर और गर्दन का कैंसर, त्वचा कैंसर इत्यादि।

स्तन कैंसर- स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सामान्य कैंसर है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण बन सकता है। स्तन कैंसर एक या दोनों स्तनों में घातक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि है। यह बहुत ही खतरनाक है। स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। अधिकांश स्तन कैंसर नलिकाओं की परत वाली कोशिकाओं में विकसित होते हैं। भारत में, स्तन कैंसर यह कैंसर का सबसे आम रूप है, जिससे हर 1 लाख महिलाओं में से 12.7 प्रतिशत की मौत हो जाती है। मृत्यु दर को कम करने के लिए नियमित स्तन परीक्षण आवश्यक है। स्तन के आकार में बदलाव, स्तन में दर्द या तरल पदार्थ निकलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ओवेरियन कैंसर- यह एक घातक कैंसर है जिसके शुरुआती लक्षणों के बारे में सही से पता नहीं चल पाता है। जब तक महिलाओं काे इस तरह के कैंसर की बीमारी के बारे में पता लगता है तब तक यह एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है। ओवेरियन कैंसर होने पर महिलाओं का पेट फूलने लगता है और पेट में दबाव या दर्द के साथ ही खाने के बाद जरूरत से ज्यादा पेट भरे होने का अहसास होता है। इस तरह के कैंसर में पेशाब में वृद्धि, थकान, अपच, हार्टबर्न, कब्ज, पीठ में दर्द, अनियमित मासिक धर्म और दर्द आदि परेशानी होने लगती है। अगर आपको ऐसे लक्षण दिखें तो इनको कतई नजरअंदाज न करें।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर- इस तरह का कैंसर गर्भाशय की कोशिकाओं में होता है। शरीर में इसके प्रारंभिक चरण में लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जैसे−जैसे कोशिकाएं गर्भाशय के आसपास की कोशिकाओं को प्रभावित करना शुरू करती हैं तो इसके लक्षण नजर आने लगते हैं।रजोनिवृत्ति के बाद दर्द, बार−बार पेशाब आना, मूत्र त्याग के दौरान दर्द और पेल्विक पेन आदि इस तरह के कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं।

मुंह का कैंसर- मुंह का कैंसर महिलाओं को भी उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरूषों को। प्रमुख कारण तम्बाकू या शराब का अधिक सेवन है। मुंह में लाल या सफेद निशान, गांठ बनना, होंठों या मसूड़ों में खराबी, सांस में बदबू की समस्या, दांतों का कमजोर होना और वजन बेहद कम होना। इनमें से कोई भी लक्षण के पाए जाने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।

अंडाशय का कैंसर- अंडाशय या ओवेरियन कैंसर 30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अधिक होता है। जिनके परिवार में पेट, अंडाशय, स्तन या गर्भाशय के कैंसर का कोई इतिहास रहा हो उनमें इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
पेल्विस (पेडू) या पेट के निचले हिस्से में दर्द, अपच, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना, पेट में सूजन और फूलना।

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