कुछ दिनों पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर अधिक समय तक रहने में असमर्थता जताई थी। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी थी कि मुंबई दौरे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऐसा अनुरोध किया था। वहीं उसके बाद खबर सामने आ रही है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस मांग को मान लिया गया है। अब खबर है कि रमेश बैस महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर आएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 13 राज्यपालों और उपराज्यपालों का तबादला कर दिया है। इसी कड़ी में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं, बैस की जगह अब झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सीपी राधाकृष्णन को दी गई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कई नए राज्यपालों की नियुक्ति को स्वीकृति दी है। लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं सीपी राधाकृष्णन को झारखंड के राज्यपाल और शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है।
बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके थे और सेवानिवृत जीवन जीना चाहते थे। राज्यपाल भवन में आयोजित एक भवन में कोश्यारी ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा था कि वो अब अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य आराम की गतिविधियों में बिताना चाहते हैं। महाराष्ट्र राजभवन की तरफ से इसे लेकर बकायदा बयान भी जारी किया गया था जिसमें कोश्यारी ने पीएम मोदी से सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा जताई थी। वहीं इसके बाद से ही महाराष्ट्र का नया गवर्नर कौन होगा, इसकी चर्चाएं तेज हो गई थीं।
महाविकास आघाड़ी सरकार के ढाई साल के दौरान कोश्यारी ने तत्कालीन शासकों को उतारा। उन्होंने हमेशा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की विधान परिषद में नियुक्ति का विरोध किया। राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री विवाद हमेशा के लिए भड़क गया। कोश्यारी ने महाविकास अघाड़ी सरकार को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। विवाद इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति नहीं मिलने पर राज्यपाल को करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और सरकारी विमान से उतरना पड़ा। सत्ता परिवर्तन के बाद से कोश्यारी शांत हैं। लेकिन इसी बीच वे विवादित बयानों के चलते मुश्किल में फंस गए।
वहीं इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाने की जमकर चर्चा थी लेकिन उन्हें राज्यपाल नहीं बनाया गया। भगत सिंह कोश्यारी इससे पहले भी एक विवादित बयान दिया था। मुंबई के अंधेरी में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था, ‘अगर गुजराती और राजस्थानी लोगों को मुंबई और ठाणे से हटा दिया जाए तो मायानगरी में पैसा नहीं बचेगा।’ कोश्यारी के इस बयान के बाद उनकी किरकिरी हुई थी। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र में तब नई-नई बनी देवेंद्र फडणवीस और शिंदे के सरकार निशाने पर आ गई थी।
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