24 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमन्यूज़ अपडेट​​चुनाव आयोग के परिणामों में विसंगतियों और ​तर्कों​​ ​पर होगा असर ?​

​​चुनाव आयोग के परिणामों में विसंगतियों और ​तर्कों​​ ​पर होगा असर ?​

दरअसल, विधायक-खासदारों को मिले वोट उनके व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पार्टी नेतृत्व, लक्ष्य और नीतियां हैं। हालांकि, आयोग ने संख्या का निर्धारण करते समय वोटों को भी ध्यान में रखा है। हालाँकि, ठाकरे समूह को विधान परिषद और राज्यसभा सदस्यों का समर्थन नहीं दिया गया है।

Google News Follow

Related

यह अधिक संभावना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह धनुष​-बाण देने के केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगा दी जाएगी|​ ​क्योंकि कई विसंगतियां और अजीबो​-​गरीब तर्क हैं। हालांकि, आयोग के फैसले के कारण सुनवाई में उठाए गए मुद्दों में देरी होगी और इसका कुछ हद तक उद्धव ठाकरे समूह पर भी असर पड़ेगा।

शिंदे समूह को पार्टी के उप नेताओं, विभाग प्रमुखों, जिला प्रमुखों, प्रतिनिधि विधानसभा के सदस्यों का बहुमत समर्थन प्राप्त है और आयोग का निष्कर्ष है कि उनके पास बहुमत है क्योंकि उनके पास 40 विधायकों और 13 सांसदों का समर्थन है। आयोग ने चुनाव में विधायकों को मिले मतों को भी मान लिया है।

​​​दरअसल, विधायक-खासदारों को मिले वोट उनके व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पार्टी नेतृत्व, लक्ष्य और नीतियां हैं। हालांकि, आयोग ने संख्या का निर्धारण करते समय वोटों को भी ध्यान में रखा है। हालाँकि, ठाकरे समूह को विधान परिषद और राज्यसभा सदस्यों का समर्थन नहीं दिया गया है।

आयोग ने उद्धव ठाकरे द्वारा 2018 में शिवसेना के संविधान में किए गए बदलावों को लोकतांत्रिक करार देते हुए स्वीकार नहीं किया। ठाकरे ने पार्टी पदाधिकारी चुनाव कराए बिना नियुक्तियां कीं। आयोग ने दर्ज किया है कि यह ​राय ​भी अनुचित है।

​शिंदे ने भी ‘प्रमुख नेता’ चुने जाने के बाद इसी तरह पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। फिर भी, आयोग ने जांच की है कि कितने विभाग प्रमुख, जिला प्रमुख शिंदे समूह का समर्थन करते हैं। इससे कुछ विसंगतियों के चलते आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने की संभावना है।
​​
​मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एम.आर.शाह, जस्टिस कृष्णा मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी.एस.नरसिम्हा की पांच सदस्यीय पीठ शिंदे-फडणवीस सरकार की वैधता, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, विधायकों की अयोग्यता आदि मुद्दों पर सुनवाई कर रही है| इस बेंच से जस्टिस शाह 15 मई 23 को और जस्टिस कृष्ण मुरारी 8 जुलाई 23 को रिटायर हो रहे हैं| अगर 15 मई तक इन याचिकाओं पर फैसला नहीं हुआ तो फिर से सुनवाई का समय आएगा और हल निकल जाएगा।
यह भी पढ़ें-

उद्धव ठाकरे की खुली चुनौती: ‘तीर-धनुष चुराने वालों से कहना, हिम्मत है तो…​!​’

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,296फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें