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SA से भारत आए 12 और चीते, ग्वालियर में उतरा वायुसेना का विमान​!​

1947 के बाद पहली बार भारत में चीते देखे गए। इससे पहले सूरजगुजा के राजा, जो अब छत्तीसगढ़ में है, ने शिकार में तीन चीतों को मार डाला था। लेकिन अब लाए गए चीतों में 12 चीते और जुड़ गए हैं।

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​साउथ अफ्रीका(SA) से 12 और चीते ग्वालियर लाए गए मेहमान अब भारत में रहने वाले हैं। इन चीतों को भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान गैलेक्सी ग्लोबमास्टर सी17 द्वारा भारत के ग्वालियर लाया गया है। इन चीतों को खास बक्सों से भारत लाया जाता है।
इन 12 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। चीतों को पहले भी भारत लाया जा चुका है। भारत में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले 8 चीतों को भारत लाया जा चुका है। उसके बाद दूसरे चरण में 12 चीतों को लाया गया है।
​1952 में, चीता को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। मध्य प्रदेश में जंगल में छोड़े गए चीते नामीबिया के हैं। उन्हें इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एमओयू के तहत लाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कूनो नेशनल पार्क में आठ चीतों को छोड़ा। बयान में कहा गया है कि कुनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री द्वारा हाथों चीतों को छोड़ा जाना भारत के वन्य जीवन और आवासों को पुनर्जीवित करने और उनमें विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है।

मोदी सरकार 17 सितंबर 2022 यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन आठ चीते देश को लाई। इन चीतों की खूब चर्चा हुई। इन चीतों को नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में लाया गया था। 1947 के बाद पहली बार भारत में चीते देखे गए। इससे पहले सूरजगुजा के राजा, जो अब छत्तीसगढ़ में है, ने शिकार में तीन चीतों को मार डाला था। लेकिन अब लाए गए चीतों में 12 चीते और जुड़ गए हैं।

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