त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में हुए चुनाव का परिणाम 2 मार्च को आएगा। चुनाव के बाद आये एग्जिट पोल में दो राज्यों में एक बार फिर कमल खिलता दिख रहा है। कहने का मतलब यह है की मेघालय को छोड़कर त्रिपुरा और नागालैंड में बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ सरकार बनाती दिख रही है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए 2023 अच्छा साल साबित होने वाला है। यानी बीजेपी के लिए 2023 में बीजेपी के अच्छे दिन रहने वाले हैं.लेकिन कांग्रेस को कहीं दिखाई नहीं दे रही है। कहा जा सकता है कि राहुल गांधी द्वारा निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा का जिस तरह से हौव्वा खड़ा किया गया था। उसका असर कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। यह भी कहा जा सकता है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के लिए पिकनिक यात्रा साबित हो रही है।
35 साल से राज कर रहे कम्युनिस्ट शासन को उखाड़ फेंका: बता दें कि मेघालय में एनपीपी बहुमत से दूर रह सकती है तो बीजेपी को केवल 10 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है। तीनों राज्यों में 60-60 सीटें है। इन राज्यों में बीजेपी का 2014 के बाद से लगातार विस्तार होता रहा है। पुर्वोत्तर के राज्यों में सबसे ज्यादा बीजेपी ने त्रिपुरा को कवर किया है। जहां उसने 35 साल से राज कर रहे कम्युनिस्ट शासन को उखाड़ फेंका और 2018 में त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज हुई। तब बीजेपी को 36 सीटें मिली थी। इस बार भी आजतक और एक्सिस माय इंडिया ने त्रिपुरा में बीजेपी को 36 -45 सींटें जितने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा टाइम नाउ ने एनडीए को 24 सीटें और मैट्रीज जी न्यूज़ ने 29 से 36 सीटों का अनुमान लगाया है। माना जा रहा है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल पिछले आंकड़े को भी पार कर सकते हैं। अगर यह रुझान परिणाम में बदलता है तो बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ी खुशखबरी होगी।
2023 में अच्छे दिन साबित होंगे: माना जा रहा है कि तीनों राज्यों हुए चुनाव के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में चुनाव इसी साल होने है। जिसका असर इन राज्यों में होने वाले चुनाव देखा जा सकता है।भले ही ये तीनों राज्य छोटे हैं, लेकिन बीजेपी के लिए ये राज्य बूस्टर का काम कर सकते हैं। अगर होता है तो बीजेपी के लिए 2023 में अच्छे दिन साबित होंगे। वहीं 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी इन राज्यों की जीत को भुनाने की भरकस कोशिश करेगी।
2018 में बीजेपी को मिली जीत संयोग नहीं : त्रिपुरा की बीजेपी के अहम साबित होने वाली है, क्योंकि बीजेपी यहां कांग्रेस और सीपीएम को हारा कर देश में बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है। अनुमान है कि त्रिपुरा कांग्रेस को 6 और सीपीएम को 12 सीटें मिल सकती हैं। कहा जा रहा है कि अगर रुझान परिणाम में बदले तो बीजेपी को गुजरात के बाद त्रिपुरा में गुजरात जैसी बड़ी जीत होगी। यह कहा जा सकता है कि 2018 में बीजेपी को मिली जीत संयोग नहीं थी।
बीजेपी चुनाव के प्रति गंभीर: बता दें कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारा था। जिसमें खुद पीएम मोदी अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया था। वहीं, हिमंत बिस्वा सरमा ने भी जमकर यहां प्रचार किया था। इससे बीजेपी का चुनाव के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
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