विधान परिषद में उपसभापति नीलम गोर्हे ने औरंगाबाद नामकरण के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान औरंगजेब का पोस्टर दिखाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ एमपीडीए के तहत कार्रवाई करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। उपसभापति ने कहा कि आंदोलन में पहले औरंगजेब का पोस्टर दिखाया गया था। बाद में उस पोस्टर को हटा लिया गया था। इसका मतलब है कि असामाजिक तत्वों ने साजिश के तहत घटना का अंजाम दिया है। इसलिए सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर औरंगजेब का समर्थन करने वालों के खिलाफ एमपीडीए के तहत कार्रवाई करें। उपसभापति की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बुधवार को सदन में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलने के खिलाफ एमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील के अनशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अनशन के दौरान औरंगजेब का पोस्टर लहराया गया था। भाषण में कहा गया कि औरंगजेब तुम्हारा बाप था। नियमों के अनुसार रात 10 बजे के बाद आंदोलन में माइक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है लेकिन इस आंदोलन में रात 12 बजे तक माइक का इस्तेमाल हो रहा है।
इस पर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने की मंजूरी केंद्र सरकार ने दी है। इसके बाद से ही छत्रपति संभाजीनगर में कुछ लोग अपमानजनक और विवादित बयान दे रहे हैं। यदि अच्छे से कानून का अध्ययन करने के बाद यह मामला देशद्रोह का बन सकता है। हालांकि यह बात काफी दूर की है लेकिन मैं उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले को लेकर चर्चा करूंगा। साथ ही सरकार विवादित बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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