राष्ट्रवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल इन दिनों नासिक के दौरे पर हैं और आने वाले चुनावों को देखते हुए पार्टी निर्माण और बूथ संरचना, कार्यकर्ताओं की बैठक आदि के लिए नासिक आए हैं|वह उस समय बात कर रहे थे। आने वाले दिनों में महाविकास अघाड़ी की बैठकें आयोजित की जा रही हैं और लोग हाल की बैठकों में उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह बैठक बड़ी होगी और हम महाराष्ट्र के सभी मंडलों में बैठकें करेंगे।
नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि कुछ लोग देशद्रोही, बॉक्स शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हम क्या करने जा रहे हैं, लेकिन अगर ये शब्द उन्हें परेशान कर रहे हैं|और उन्हें उसी हिसाब से कोर्ट जाना पड़े तो इसका मतलब है कि कुछ हुआ है, किया है वहीं, जयंत पाटिल ने यह भी कहा कि अदालत के माध्यम से यह व्यवस्था करने का काम चल रहा है कि कोई उस सजा का उच्चारण न करे|
तानाजी सावंत द्वारा पंढरपुर बैठक पर दिए गए बयान पर जयंत पाटिल ने कहा कि यह कोई बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है| इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन और कहां भीड़ इकट्ठी हुई। कुछ दिन पहले जयंत पाटिल ने कहा था कि राष्ट्रपति शासन की संभावना है, उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोग्य हो जाता है, तो यह सरकार नहीं चल पाएगी।
और कोई दूसरा विकल्प नहीं है, उन्होंने कहा कि उन्होंने उसी के अनुसार बात की। गोपीचंद पाडलकर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी लोग भारतीय जनता पार्टी ने जुटाए हैं| इससे
भाजपा
की छवि खराब हो रही है. इससे पता चलता है कि
भाजपा
किस स्तर की राजनीति कर चुकी है।
देशद्रोही, डब्बे चलते हैं..: इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को पेश होने का आदेश दिया|इस पर पाटिल ने कहा कि कुछ लोग’देशद्रोही’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम इसका क्या करेंगे? लेकिन अगर उन्हें अदालत जाना है, तो इसका मतलब कुछ हुआ है। कोई उस वाक्य का उच्चारण न करे,इसकी न्यायालय प्रणाली के माध्यम से कार्य चल रहा है।
वहीं, महाविकास अघाड़ी के लिए एनसीपी की प्राथमिकता आगामी चुनाव मिलकर लड़ने की है। साथ ही राज्य में सावरकर विवाद को लेकर ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच फिलहाल तनातनी चल रही है|इस पर जयंत पाटिल ने कहा कि ये दोनों तय करेंगे कि क्या करना है| इस पर टिप्पणी करना हमारे लिए उचित नहीं है।
राज्य में बढ़े मानवाधिकार उल्लंघन के मामले पर आयोग में स्टाफ की कमी