इस अवसर पर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि “शंकराचार्य ने साईं बाबा को भगवान का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य का मत बाध्यकारी है। शंकराचार्य सनातनी धर्म के प्रधान मंत्री हैं। इसलिए हर रूढ़िवादी धर्म को उसकी बात सुननी चाहिए। कोई भी संत, हमारे धर्म का कोई भी हो, भगवान नहीं हो सकता। गोस्वामी तुलसीदास हों या सूरदास, ये सभी संत हैं। कोई महापुरुष, कोई युगपुरुष और कोई कल्पपुरुष।
यही नहीं, बागेश्वर महाराज के पीठाधीश धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम किसी की भावनाओं का अपमान नहीं करते हैं। साईं बाबा संत हो सकते हैं। रहस्यवादी हो सकते हैं। हालांकि, यह भगवान नहीं हो सकता है।”
क्या कहा अजित पवार ने?: नेता प्रतिपक्ष अजित पवार से मुंबई में पत्रकारों ने धीरेंद्र शास्त्री द्वारा साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार करने पर सवाल किया था| “इन बाबा वालों की ज्यादा मत सुनो। अजित पवार ने कहा है कि ये झूठ है|
“किसी को भी किसी की आस्था को खराब करने का अधिकार नहीं दिया गया है”: मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने भी प्रतिक्रिया दी और धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। “बाबा को स्वयं भगवान का रूप लेकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करता है। ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। वे धार्मिक कलह पैदा करते हैं और सामाजिक अशांति फैलाते हैं। करोड़ों भक्तों के आराध्य साईं बाबा ने श्राद्ध और सबुरी का संदेश दिया है। किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं दिया गया है।’
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