अब पान टपरी, फेरीवालों की ठेले, चाय की दुकान, बड़े होटल से लेकर स्टेशनरी की दुकानों तक हर जगह यूपीआई का लेन-देन हो रहा है। कहीं कुछ भी खरीदें? ग्राहक दुकानदार से स्कैनर कोड मांगता है। विभिन्न यूपीआई कंपनियों ने दुकानदारों को कोड के लिए कूल कार्ड बनाए हैं।
पेमेंट के लिए UPI ऐप्स का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। भारत में ज्यादातर लोग पेमेंट के लिए पेटीएम, फोन पे, गूगल पे आदि का इस्तेमाल करते हैं। UPI के जरिए होने वाले कुल ट्रांजेक्शन का करीब 50 प्रतिशत फोन पे के जरिए होता है।
इस बीच फोनपे ने पिनकोड नाम से एक नया ऐप लॉन्च किया है। ओएनजीसी का एक हिस्सा है। ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जहां डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। यानी आप किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट या प्लेटफॉर्म से एक ही जगह से सामान खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन वेबसाइट भी ओएनडीसी का एक हिस्सा है।
फिलहाल कंपनी ने इस नए ऐप को बेंगलुरु में लॉन्च किया है। लोग शुरुआत में इस ऐप के जरिए किराने का सामान, दवाइयां और खाने-पीने का सामान ऑर्डर कर सकेंगे। कंपनी ने कहा है कि वह धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी इस एप्लिकेशन को रोल आउट करेगी और इस साल के अंत तक प्रतिदिन 1 लाख ऑर्डर लेने का लक्ष्य है।
फिलहाल कंपनी ने इस नए ऐप को बेंगलुरु में लॉन्च किया है। लोग शुरुआत में इस ऐप के जरिए किराने का सामान, दवाइयां और खाने-पीने का सामान ऑर्डर कर सकेंगे। कंपनी ने कहा है कि वह धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी इस एप्लिकेशन को रोल आउट करेगी और इस साल के अंत तक प्रतिदिन 1 लाख ऑर्डर लेने का लक्ष्य है।
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