भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक इस दोनों दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं| वही भूटान नरेश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक रूप से आवास पर मुलाकात हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। इसके बाद भूटान नरेश सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात कर भारत, चीन और भूटान के सुरक्षा विषयों को लेकर बातचीत हुई | दूसरी ओर थिंपू पर प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों को लेकर भी भूटान नरेश गंभीर रूप से चर्चा की|
इससे पहले भूटान नरेश जिग्मे खेसर नाम्गेल वांगचुक ने दिल्ली में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। डोकलाम विवाद पर भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग की हाल की कुछ टिप्पणियों को लोगों ने पड़ोसी देश के चीन के करीब जाने के रूप में देखा था, हालांकि भूटान ने कहा कि सीमा विवाद पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
बात दें कि भारत और भूटान विश्वास, सद्भावना, आपसी समझ के संबंधों को साझा करते हैं, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत और भूटान सुरक्षा सहित हमारे साझा हित के मुद्दों पर संपर्क में हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत में डोकलाम का मुद्दा उठा, विनय मोहन क्वात्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान डोकलाम मुद्दे पर कहा कि भारत और भूटान सुरक्षा सहयोग के मामले में संपर्क में हैं।
अपनी हाल की यूरोप यात्रा के दौरान बेल्जियम के न्यूज पेपर ला लिब्रे को दिए एक साक्षात्कार में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा था, “डोकलाम भारत, चीन और भूटान के बीच एक जंक्शन बिंदु है। समस्या का हल करना अकेले भूटान के बस की बात नहीं है। हम तीन हैं। कोई बड़ा या छोटा देश नहीं है, तीन समान देश हैं, प्रत्येक एक तिहाई के लिए गिना जाता है। हम तैयार हैं। जैसे ही अन्य दो पक्ष भी तैयार होंगे, हम चर्चा कर सकते हैं। भारत और चीन की सीमा पर समस्याएं हैं इसलिए हम यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि वे अपने मतभेदों को कैसे सुलझाते हैं।
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