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Saturday, September 21, 2024
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जम्मू-कश्मीर में RSS नेताओं को जान से मारने की धमकी, आतंकी संगठन ने जारी की लिस्ट

आतंकी गुट ने 30 नेताओं की एक लिस्ट जारी की है जिसमें नेताओं के नाम, पद और जगह बताई गई है।

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जम्मू-कश्मीर से एक बेहद ही महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। कश्मीर में स्थिति सुधारने में राज्य में प्रशासन की सफलता विद्रोहियों के आंखों में चुभ रही है। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई सदस्यों को धमकी दी है। आतंकी गुट ने 30 नेताओं की एक लिस्ट जारी की है जिसमें नेताओं के नाम, पद और जगह बताई गई है। रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा है कि हम इन नेताओं को निशाना बनाएंगे। यह समूह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा है। सरकार ने जनवरी में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।

कहा जाता है कि यह धमकी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा “अखंड भारत” के विचार को दोहराने के ठीक तीन दिन बाद आई है। इस धमकी को लेकर टीआरएफ द्वारा कश्मीरफाइट डॉट कॉम पर जारी किया गया पत्र सोशल मीडिया  पर वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है, “आरएसएस के लोग अपना प्रचार प्रसार करने के बाद बहुत खुशी मना रहे हैं। घाटी में आरएसएस जैसे जहरीले संगठन में शामिल होने वाले लोगों को या तो पता नहीं है कि वे कहां शामिल हो रहे हैं या फिर वो इस संगठन से मिलने वाले छोटे फायदों के लिए खुद को बेच चुके हैं।”

एक तरफ संघ और बीजेपी के लोग हिंदुत्व की विचारधारा को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ आरएसएस जैसे संगठन इस्लाम और अन्य धर्मों को बदनाम करने का एजेंडा चला रहे हैं। पत्र में कहा गया है, “घाटी में कुछ लोग हैं जो इस संगठन में शामिल हुए हैं। हम इन नेताओं को निशाना बनाएंगे।”

‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम नेताओं को भी धमकी दी है। इसलिए हम इस खतरे की सत्यता की भी जांच कर रहे हैं, भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। इस लिस्ट में कोई बड़ा नाम शामिल नहीं है। ऐसे आतंकी संगठन आतंकी संगठन उन लोगों को धमकाते हैं जो जम्मू-कश्मीर सरकार के करीब महसूस करते हैं। हालांकि इस अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि हम इस खतरे के हर पहलू की जांच कर रहे हैं।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के निमंत्रण पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह कश्मीर का दौरा करेगा। जम्मू-कश्मीर में एक्टिव द रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है। ये फ्रंट जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन भी चलाता है। पुलिस के हवाले से बताया गया कि कराची से इस ऑनलाइन कैंपेन के 6 महीने बाद ही इस फ्रंट ने जमीनी स्तर पर अपना संगठन तैयार किया।

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