27 C
Mumbai
Saturday, November 23, 2024
होमलाइफ़स्टाइलआयुर्वेद और होम्योपैथी में क्या अंतर है? जानिए कौन सी उपचार विधि...

आयुर्वेद और होम्योपैथी में क्या अंतर है? जानिए कौन सी उपचार विधि बेहतर है…

10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Google News Follow

Related

आज 10 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सैमुअल हैनीमैन की याद में यह दिन मनाया जाता है। डॉ। सैमुअल होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक थे, उन्होंने विभिन्न होम्योपैथिक दवाओं का आविष्कार किया। लेकिन आज एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का इलाज किया जाता है। इनमें होम्योपैथी और आयुर्वेद दोनों भारत में उपचार प्रणाली हैं। होम्योपैथिक दवाएं लेने से पहले डॉक्टर का परामर्श आवश्यक है। लेकिन आज हम आपको होमियोपैथी और आयुर्वेद में सटीक अंतर बताने जा रहे हैं।

वेबएमडी के अनुसार, होम्योपैथी चिकित्सा की एक प्रणाली है जो इस विश्वास पर आधारित है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है। दवा की इस पद्धति को जर्मनी में 1700 सदी के अंत में विकसित किया गया था। यह उपचार पद्धति यूरोपीय देशों में आम है। एक होम्योपैथिक चिकित्सक को ‘होम्योपैथ’ कहा जाता है। यह उपचार पद्धति “लाइक क्योर लाइक” नामक एक अलग अवधारणा पर आधारित है। जिसका मतलब होता है एक ही बीमारी, एक जैसा इलाज। होम्योपैथिक इलाज न सिर्फ बीमारी को ठीक करता है बल्कि उसे जड़ से खत्म करने का दावा भी करता है। इस इलाज के साइड इफेक्ट बहुत कम हैं, इसलिए हर उम्र के लोगों का इससे इलाज किया जा सकता है।

लेकिन होम्योपैथिक दवाएं लेते समय धूम्रपान सहित कई चीजों से बचने की सलाह दी जाती है। होम्योपैथी का इस्तेमाल मुंहासे, दांत दर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, खांसी, जुकाम जैसी कई समस्याओं के लिए किया जाता है। इसके अलावा इलाज का यह तरीका अस्थमा, बांझपन, हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इस उपचार पद्धति में दवाओं का असर धीमा होता है, इसलिए किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा (आयुर्वेद) दुनिया की सबसे पुरानी समग्र उपचार प्रणालियों में से एक है। यह 3000 साल पहले भारत में विकसित एक चिकित्सा पद्धति है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हमारा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन पर निर्भर करता है। इस उपचार का मुख्य उद्देश्य बीमारी से लड़ना नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना है। लेकिन आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है। आयुर्वेद भारत की सबसे पुरानी पारंपरिक उपचार प्रणाली है। आयुर्वेद को अब तक 30 से अधिक देशों में मान्यता प्राप्त है। आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग अब सर्दी, खांसी, जुकाम, पेट की बीमारियों, गुर्दे की बीमारियों आदि के इलाज के लिए किया जाता है।

ये भी देखें 

ब्लैक कॉफी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद, जानें पीने का सही तरीका

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,295फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
194,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें