शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के विदेश मंत्रियों की दो दिन की बैठक आज से गोवा में शुरू होगी। पाकिस्तान और चीन सहित आठ देशों के विदेश मंत्रियों के गोवा पहुंचने और बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को गोवा में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
इस सम्मेलन की मेजबानी भारत ऐसे वक्त में कर रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन से विवाद बढ़ा हुआ है और संबंध तनावपूर्ण हैं। यूक्रेन युद्ध के चलते रुस का भी तनाव पश्चिमी देशों से बढ़ा हुआ है। इसी तरह चीन की विस्तारवादी नीति सभी को चिंतित कर रहा है। सम्मेलन के दौरान बैठक में चीन के विदेश मंत्री किन गांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल हो सकते हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसके विदेश मंत्री किन गांग विभिन्न क्षेत्रों व विषयों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात पर सदस्यों से अपना नजरिया साझा करेंगे। वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अंतरराष्ट्रीय मामलों व स्थानीय एजेंडे को भारत में विचार-विमर्श के लिए उठाएंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सम्मेलन में भागीदारी का अवसर मिलने पर खुशी जताई। यह किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का 12 साल बाद भारत दौरा होगा। इससे पहले 2011 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर आई थीं।
‘एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023’ की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिरकत के लिए पाकिस्तान, चीन व रूस सहित सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, सभी ने भागीदारी की रजामंदी दी है।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में आपसी कारोबार, निवेश व संपर्क बढ़ाने पर ज्यादा बातचीत होगी। वहीं, तालिबानी शासन व मौजूदा हालात की वजह से अफगानिस्तान के आतंकी तैयार करने की स्थली बनने पर चिंताओं पर बात की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, जयशंकर चीन और कुछ अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी सम्मेलन से अलग बैठक कर सकते हैं।
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