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Saturday, November 23, 2024
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भारत में दिवालिया होने वाली एयरलाइंस का है लंबा इतिहास, यहाँ देखें सूची

मोदीलुफ्त और दमानिया एयरवेज भी हो गई थीं दिवालिया।

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देश की तीसरी बड़ी एयरलाइन गो-फर्स्ट ने मंगलवार को एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन दिया। भारत में दिवालिया होने वाली एयरलाइंस का लंबा इतिहास रहा है।  भारत में फेल एयरलाइंस की लिस्ट काफी लंबी है। इनके विफल रहने की वजह वित्तीय संकट रहा। इसमें ईस्ट-वेस्ट एयरलाइंस, अर्चना एयरवेज, एनईपीसी एयरलाइंस, मोदीलुफ्त, दमानिया एयरवेज, जेट एयरवेज, किंगफिशर एयरलाइंस, डेक्कन एविएशन और पैरामाउंट एयरवेज आदि। ये ऐसी एयरलाइंस हैं, जो या तो दिवालिया होकर बंद हो गईं या दूसरों द्वारा खरीद ली गईं।

गो फर्स्ट- गो फर्स्ट की बात करें तो अपनी इस स्थिति के लिए अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजन को जिम्मेदार बताया है। एयरलाइन का कहना है कि खराब इंजन के चलते उसका 50% बेड़ा उड़ान नहीं भर पा रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक गो फर्स्ट ने प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ अमेरिका के कोर्ट में केस किया है। गोफर्स्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक, सेंट्र्ल बैंक ऑफ इंडिया और ड्यूश बैंक जैसे बैंकों से लोन लिया हुआ है। गो-फर्स्ट की कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है।

किंगफिशर एयरलाइन- किंगफिशर एयरलाइन की बात करें, तो यह शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा समर्थित थी। इसने साल 2005 में उड़ान भरना शुरू की थी। यह एयरलाइन घरेलू एयर ट्रैवल मार्केट की दूसरी सबसे बड़ी मार्केश शेयर वाली कंपनी थी। किंगफिशर एयरलाइन अपनी शुरुआत के बाद से कभी फायदे में नहीं रही। बढ़ते घाटे के चलते इसे साल 2012 में बंद करना पड़ा।

मोदीलुफ्त- मोदीलुफ्त भारत की पहली पोस्ट-डिरेग्यूलेशन एयरलाइंस में से एक थी। भारतीय उद्योगपति एसके मोदी ने 1996 में जर्मन फ्लैग कैरियर लुफ्थांसा के साथ मिलकर मोदीलुफ्त एयरलाइन शुरू की थी। यह एयरलाइन अपने समय में डोमेस्टिक रूट में इकलौती प्राइवेट कंपनी थी। लेकिन बाद में लुफ्थांसा ने मोदीलुफ्त पर 4 एयरक्राफ्ट के लीज पेमेंट पर डिफॉल्ट कर जाने का आरोप लगाया। इसके बाद लुफ्थांसा ने इस पार्टनरशिप को छोड़ने की घोषणा कर दी।

दमानिया एयरवेज- दमानिया एयरवेज की शुरुआत परवेज दमानिया और विस्पी दमानिया ने साल 1993 में की थी। यह पहली एयरलाइन थी, जिसमें उड़ान के दौरान शराब की सुविधा भी थी। यह मुंबई बेस्ड एयरलाइन दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, गौवा और इंदौर के लिए नियमित उड़ाने भरती थी। साल 1995 में एविएशन मिनिस्ट्री ने निजी विमान कंपनियों के लिए नियम बनाए थे। इन नियमों के चलते एयरलाइन की मुश्किल बढ़ी और यह 1997 में बंद हो गई।

जेट एयरवेज- लंबे समय से जेट एयरवेज उड़ान भरने को तरस रही है। जेट एयरवेज 1993 में अस्तित्व में आई थी। जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन्स में से एक थी। लेकिन एविएशन मार्केट में नई एयरलाइंस आने से प्राइस प्रतियोगिता बढ़ गया। इससे जेट एयरवेज में घाटा बढ़ता चला गया। और साल 2019 में इसका परिचालन बंद हो गया।

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