रविवार को विधि विधान से पूजा अर्चना कर पीएम मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन किया। इस समय तमिलनाडु से आये अधीनम साधु संतों ने उनको सेंगोल सौंपा जिसे पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर के बगल में उसे स्थापित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सेंगोल को सांष्टांग प्रणाम किया और साधु संतों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान नई संसद भवन में एक घंटा पूजा और हवन चला। जिसकी वजह से वहां मंत्रोच्चारण से भवन गूंज उठा। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ स्पीकर ओम बिड़ला भी थे।
#WATCH दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह की शुरुआत हवन और पूजा से हुई। pic.twitter.com/ct749Or82P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 28, 2023
गौरतलब है कि तमिलनाडु से आये 22 संतों ने पीएम मोदी को सेंगोल सौंपा। इस मौके पीएम मोदी पारंपरिक वेशभूषा में नजर आये। सेंगोल मिलने के बाद पीएम मोदी इसे कुछ समय तक देखते रहे। उसके पीएम ने दंडवत होकर सेंगोल को प्रणाम किया। ऐसा ही नजरा उस समय भी था जब नरेंद्र मोदी पीएम बने थे, तब उन्होंने पहली बार संसद पहुंचने पर यहां पर संसद की सीढ़ियों पर दंडवत प्रणाम किया था। इस मौके पर अलग अलग धर्मो की पूजा की गई।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान भवन के अंदर सेंगोल स्थापित किया। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/3Gb8YZxzWT
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इस दौरान पुजारी मौलवी और पादरी ने अपने अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना की। सर्व धर्म प्रार्थना में बौद्ध ,ईसाई जैन , पारसी ,मुस्लिम सिख और सनातन समेत कई धर्मो के धर्मगुरु इस मौके के साक्षी रहे। सेंगोल को स्थापित करने के लिए इस मौके 60 धर्म गुरुओं को बुलाया गया था। इनमें ज्यादातर तमिलनाडु के थे। तमिलनाडु के अधीनम या मठ उच्च जातियों की विरोधी रहे हैं। इनमें से कई साधु संतों की उम्र 100 साल या उससे भी ज्यादा की है। गौरतलब है कि जिस तिरुवदूथूरै अधीनम को सत्ता हस्तांतरण के लिए राजदंड यानी सेंगोल तैयार करने का काम किया गया था ,वह चार सौ साल पुराना है।
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