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Saturday, November 23, 2024
होमन्यूज़ अपडेट"छगन भुजबल दें विधायक पद से इस्तीफा", प्रकाश अंबेडकर की मांग ?

“छगन भुजबल दें विधायक पद से इस्तीफा”, प्रकाश अंबेडकर की मांग ?

इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के कई सांसदों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। साथ ही केंद्र से भी कई नेता कार्यक्रम में शामिल हुए।लेकिन इस आयोजन के दौरान महाराष्ट्र सदन से क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले और पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की मूर्तियों को हटा दिया गया|

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दो दिन पहले यानि 29 मई को पहली बार स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में कार्यक्रम आयोजित किया गया| इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के कई सांसदों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। साथ ही केंद्र से भी कई नेता कार्यक्रम में शामिल हुए।लेकिन इस आयोजन के दौरान महाराष्ट्र सदन से क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले और पुण्यात्मा अहिल्यादेवी होल्कर की मूर्तियों को हटा दिया गया|

महाराष्ट्र सदन में हुई इस घटना को लेकर पूरे देश में राज्य सरकार की आलोचना हो रही है|इसको लेकर शिवसेना के ठाकरे गुट, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता पक्ष को आड़े हाथों लिया है। लेकिन वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने अलग स्टैंड पेश किया है| अंबेडकर ने कहा, ध्यान दीजिए कि ये सरकार राष्ट्रपति पद पर आसीन द्रौपदी मुर्मू को गिरा रही है| वे अभी भी जीवित हैं, वे इन लोगों द्वारा मारे जा सकते हैं। ये लोग देश के सर्वोच्च पद का तख्तापलट कर सकते हैं। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और भाजपा की सूची में अहिल्याबाई होल्कर या सावित्रीबाई फुले जैसे लोग नहीं हैं। तो महाराष्ट्र सदन में जो हुआ वह कोई नई बात नहीं है।

इस घटना के विरोध में छगन भुजबल को अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि महाराष्ट्र सदन में जो हुआ वह ओबीसी का अपमान है| भुजबल खुद को ओबीसी नेता बताते हैं। साथ ही, जिस महाराष्ट्र सदन में यह हुआ, उसे छगन भुजबल ने बनवाया था। इसलिए इस घटना के विरोध में भुजबल को अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। रुपाली चाकणकर की राज्य सरकार की आलोचना महिला आयोग की अध्यक्ष और एनसीपी नेता रूपाली चाकणकर ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है, ”दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में विनायक दामोदर सावरकर की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया|

इस मौके पर वहां से क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले और पुण्यात्मा अहिल्यादेवी होल्कर की प्रतिमा को हटाया गया और इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल हुए| पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की जयंती को केवल तीन दिन दूर हैं, यह इन दो महान विभूतियों का अपमान है जो देश में महिला सम्मान आंदोलन में सबसे आगे थीं। उनके अस्तित्व और उनके गौरवशाली इतिहास को नकारने की मानसिकता को उजागर कर रहा हूं।
 
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