पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। इसी दौरान गुरुवार, 15 जून की रात भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर आग लगा दी। हालांकि केंद्रीय मंत्री इस घटना के समय घर पर नहीं थे। वहीं इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी। नेमचा किपगेन भाजपा और राज्य सरकार में मंत्री हैं। किपजेन 2017 से कांगपोकपी निर्वाचन क्षेत्र से मणिपुर विधानसभा की सदस्य हैं।
विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे। मेरे घर के भूतल और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख होता है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा में लिप्त लोग बिल्कुल अमानवीय हैं।
बुधवार को ही खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे। जबकि तीन व्यक्ति लापता भी बताए जा रहे थे। इस दौरान मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई। अब राज्य में ब्रॉडबैंड सहित इंटरनेट निलंबन को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली झड़प तीन मई को हुई थी। वहीं मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच करीब एक महीने पहले भड़की हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।
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