तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने जैसे ही आक्रामक रूप से राज्य में पैर जमाने की कोशिश शुरू की, सत्ता प्रतिष्ठान में उनकी चिंता होने लगी। राव ने पार्टी कार्यालय स्थापित करने, अन्य दलों के नेताओं को ठहराने जैसे बड़े कार्यक्रम को हाथ में लिया है और महाराष्ट्र में उनके दौरे भी बढ़ने लगे हैं।
चंद्रशेखर राव ने नागपुर में भारत राष्ट्र समिति के कार्यालय का उद्घाटन किया। नांदेड़ के बाद सोलापुर, सांगली, संभाजीनगर, नागपुर ने पार्टी विस्तार पर जोर दिया है। जगह-जगह पार्टी कार्यालय शुरू किए जा रहे हैं। कुछ करोड़ रुपये खर्च कर भारत राष्ट्र समिति की ओर से पार्टी कार्यालयों के लिए जगह खरीदी जा रही है| पिछले तीन चार महीनों में कांग्रेस, राकांपा और भाजपा के कुछ सदस्य भारत राष्ट्र समिति में शामिल हो गए। प्रारंभ में भारत राष्ट्र समिति के विस्तार की अधिक चर्चा नहीं हुई।
लेकिन जब से दूसरे दलों के नेताओं की एंट्री और पार्टी दफ्तर खोले जा रहे हैं, तब से भारत राष्ट्र समिति के अस्तित्व का आभास होने लगा है| सांगली, सोलापुर, चंद्रपुर सहित विभिन्न इलाकों में चंद्रशेखर राव के बड़े-बड़े पोस्टर देखे गए हैं। राज्य की राजनीति के किंगपिन कहे जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार ने चंद्रशेखर राव के पार्टी विस्तार पर चिंता जताई| इससे साफ है कि चंद्रशेखर राव चुनौती दे रहे हैं| पवार ने संदेह व्यक्त किया कि चंद्रशेखर राव का इस्तेमाल सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा किया जा सकता है।
अन्य दलों को भारत राष्ट्र समिति के काम पर ध्यान देना होगा। क्योंकि हमारी पार्टी को किसानों, मजदूरों, कमजोर तबकों का अच्छा समर्थन मिल रहा है| तेलंगाना में चंद्रशेखर राव सरकार द्वारा लागू रैतु बंधु, दलित बंधु जैसी विभिन्न योजनाओं से समाज के सभी वर्गों को लाभ हुआ है। भारत राष्ट्र समिति के नेता शंकरण्णा ढोंडगे ने कहा कि चूंकि यह काम आगे है, इसलिए राज्य में भी अच्छा समर्थन मिल रहा है|उन्होंने बताया कि प्रदेश में पार्टी का और विस्तार किया जाएगा।
तेलंगाना में, भारत राष्ट्र समिति और भाजपा बिल्कुल भी मित्रवत नहीं हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में चंद्रशेखर राव की बेटी कविता फिलहाल ईडी के रडार पर हैं। उनकी जांच की गई है। चंद्रशेखर राव पूरे एक साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैदराबाद दौरे के दौरान एयरपोर्ट रिसेप्शन पर जाने से बचते रहे हैं| साथ ही चावल खरीद को लेकर चंद्रशेखर राव और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच तकरार भी हुई थी| राज्य में महा विकास अघाड़ी के नेताओं को संदेह है कि क्या चंद्रशेखर राव ने अपनी बेटी कविता को बचाने के लिए पर्दे के पीछे से भाजपा से हाथ मिला लिया है|
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