अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली| इसके बाद राज्य में तीसरे सियासी भूचाल की चर्चा है,न केवल अजित पवार, बल्कि छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल जैसे महत्वपूर्ण शिलेदारों ने शरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया। क्या आपको दुख है कि आपके इतने सारे अनुयायी वहां गए हैं? ये सवाल पूछे जाने पर शरद पवार ने जवाब दिया है| शरद पवार ने सतारा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सवाल का जवाब दिया है|
कदापि नहीं! मुझे दुःख नहीं होता| ऐसी चीजें होने के बाद अंतिम परिणाम, आज नहीं तो छह महीने बाद, एक साल बाद हो तो, इस देश के सामान्य मतदाता उसका परिणाम देता है। शरद पवार ने ये कहकर बात खत्म की कि मुझे आम आदमी पर भरोसा है| शरद पवार ने यह भी कहा है कि कार्रवाई या किसी अन्य मामले पर फैसला जयंत पाटिल लेंगे|
मुझे याद नहीं कि मैंने पार्टी संविधान में कोई बदलाव किया है या नहीं| सामान्य सभा की बैठक हुए छह माह हो गये हैं| पार्टी का पुनर्निर्माण कोई शिव धनुष का विषय नहीं है| लोग आपको सत्ता देने को तैयार हैं| शरद पवार ने यह भी कहा है कि अगर आप जितना संभव हो लोगों से मिलें, तो आप सब कुछ फिर से बना सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक बयान दिया कि हमारी पार्टी में भ्रष्ट लोग हैं,लेकिन शरद पवार ने इस समय यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें दी गई मंत्री पद की शपथ के बारे में ठीक से जानकारी नहीं ली|
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम शरद पवार को भाजपा के साथ जाने के लिए मना रहे थे लेकिन वो नहीं माने| शरद पवार ने कहा कि ये अच्छी बात है, इसमें बुरा क्या है? ऐसा सवाल पूछकर शरद पवार ने इसका जवाब दे दिया है| शरद पवार ने भी कहा है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सतारा सही जगह है|
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