फिलहाल महाराष्ट्र और देश के राजनीतिक गलियारों में एनसीपी में फूट की चर्चा जोरों पर है| बुधवार (5 जून) को मुंबई में अजित पवार और शरद पवार गुट की अलग-अलग बैठकें हुईं। इसमें बोलते हुए दोनों पक्षों के नेताओं ने एक-दूसरे की जमकर आलोचना की|एक तरफ जहां एनसीपी में फूट की चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ यह भी संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना में दोनों गुट फिर से एक हो जाएंगे|
वही एनसीपी पार्टी जिसने शिंदे गुट को ठाकरे गुट से अलग कर दिया था, अब शिंदे गुट के साथ सत्ता में वापस आ गई है| बताया जा रहा है कि शिंदे गुट के विधायक नाराज हैं और वापस उद्धव ठाकरे के पास जाएंगे|
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी शिंदे ग्रुप पर टिप्पणी की है| स्वामी अक्सर अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े रहते हैं | इस बीच बुधवार को स्वामी द्वारा किया गया एक ट्वीट सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा में है| सुब्रमण्यम स्वामी ने पिछले एक साल से एक-दूसरे की आलोचना कर रहे शिवसेना में शिंदे गुट और ठाकरे गुट के एक साथ आने की संभावना जताई है| उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि ये बात उनके कानों में पड़ी|
इस बीच अब इन बातों पर शिवसेना के शिंदे गुट ने प्रतिक्रिया दी है| उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा है कि ये सब अफवाहें हैं| शभुराज देसाई ने कहा, ये सिर्फ अफवाहें हैं| मुख्यमंत्री ने विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई थी| ये महान नेता कोई और नहीं थे| तो हमारे सामने सवाल खड़ा हो गया है कि मीडिया को कौन बता रहा है कि वहां (बैठक में) चर्चा ही नहीं हुई, वहां कुछ हुआ ही नहीं? मैं मीडिया से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि कृपया पहले सुनिश्चित कर लें| हमारे प्रवक्ताओं और नेताओं से पूछें। क्योंकि विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है| साथ ही मुख्यमंत्री भी नाराज नहीं हैं|
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