प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 जुलाई को फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी को 14 जुलाई को फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्रीय दिवस ‘बैस्टिल डे’ परेड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है। उम्मीद है की दो दिवसीय फ्रांस यात्रा के दौरान इस डील को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम रूप दे सकते हैं। हालांकि अभी इसकी कीमतों का पता नहीं चला है लेकिन 24-30 जेट खरीदने का प्लान है। अमेरिका के बाद पीएम का फ्रांस दौरा भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए अहम साबित हो सकता है।
बता दें कि भारतीय नौसेना ने राफेल के नवल वर्जन की मंशा जाहिर की थी। समुद्री निगरानी के लिए अमेरिका एफ-18 सुपर हॉर्नेट्स का इस्तेमाल करता है। अब जबकि समुद्री क्षेत्र में चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में नौसेना को भी इस तरह के शक्तिशाली जेट की जरूरत है। हालांकि नवल वर्जन राफेल की कीमतों का अभी पता नहीं चला है लेकिन माना जा रहा है कि एयर फोर्स वर्जन के मुकाबले इसकी कीमतें कम होंगी।
पीएम मोदी फ्रांस सरकार के साथ दो दिवसीय यात्रा के दौरान डील पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। ये एक आधिकारिक डील होगी। आसान भाषा में कहें तो कंपनी के बजाय डील फ्रांस सरकार से होगी। नौसेना ने राफेल के ही नवल वर्जन को चुना जिसमें एयर फोर्स वर्जन से 80 फीसदी मिलता-जुलता है। ऐसे में नौसेना का मानना है कि इससे ट्रेनिंग, रिपेयरिंग और रखरखाव पर होने वाले संभावित खर्च की बचत होगी।
बता दें कि 26 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल और अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-18 में कड़ी टक्कर हुई थी। इन दोनों विमानों का गोवा में एक नौसेना टीम ने व्यापक परीक्षण किया था। परीक्षण के बाद नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को सूचित किया कि राफेल-एम उसकी जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त है। इसके अलावा भारतीय नौसेना के अधिकारी एक संयुक्त अभ्यास के दौरान राफेल-एम की क्षमताओं से प्रभावित हुए थे।
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