उपसभापति नरहरि जिरावल ने 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है| अगर सभी पक्षों पर विचार किया जाए तो शिवसेना के विधायक अयोग्य ठहराए जा सकते हैं, लेकिन इस संबंध में निर्णय लेने का पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष और विधानमंडल को है| इसलिए मैं इस बारे में बात नहीं करूंगा|इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वह निर्णय कितनी जल्दी लिया जाएगा| विधान परिषद के उपाध्यक्ष नरहरि जिरावल ने राय व्यक्त की है कि इस संबंध में कभी न कभी निर्णय लिया जाएगा| इसलिए उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में शिंदे गुट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं|
वह रायगढ़ जिले में सुतारवाड़ी एनसीपी सांसद सुनील तटकरे का जन्मदिन मनाने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि विधानसभा अध्यक्ष शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लें| इसलिए इस फैसले पर पूरे देश की नजर है| आज या कल में फैसला लेना होगा|’ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कब तक ये फैसला विधानसभा अध्यक्ष का होने वाला है| मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा,लेकिन सभी पहलुओं पर गौर करें तो अयोग्यता वाक्यव्य जिरावल ने की है|
इसलिए उन्होंने साफ संकेत दिया है कि भविष्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ-साथ 16 शिवसेना विधायकों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं| इससे शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के बीच रिश्ते और तनावपूर्ण होने की आशंका है| रायगढ़ जिले के शिवसेना विधायक पहले ही अदिति तटकरे की कैबिनेट में भागीदारी पर नाराजगी जता चुके हैं। उन्हें पालक मंत्री का पद नहीं देने की भी बात स्पष्ट की गई है| इससे एनसीपी और शिवसेना के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है| ऐसे में झिरवाल के बयान से शिवसेना के उन 16 विधायकों का सिरदर्द बढ़ने की संभावना है|
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