सोमवार और मंगलवार को बेंगलुरु में लोकतंत्र प्रेमी और देशभक्त दलों की बैठक हुई| इन पार्टियों का गठबंधन बन गया है| उस गठबंधन का नाम है India| मैंने जो दो शब्द बोले हैं, उनमें यह स्पष्ट कर दिया है कि यह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। यह तानाशाही के ख़िलाफ़ है|प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री पद पर लोग आते-जाते रहते हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि देशभक्त और लोकतंत्र प्रेमी इसके खिलाफ एकजुट हो गए हैं| आज सत्र के तीसरे दिन उद्धव ठाकरे विधान भवन क्षेत्र में आये| यह बयान उन्होंने उस वक्त पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया है| अजित पवार की भी तारीफ की गई है| इस बात को भी उद्धव ठाकरे ने समझाया| अजित पवार ढाई साल तक मेरे साथ थे| मुझे यकीन है कि अजित पवार द्वारा लोगों की मदद की जाएगी, भले ही सत्ता की रणनीति अन्य लोगों द्वारा शुरू की गई हो। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा है कि ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि राज्य के खजाने की चाबियां उन्हें दे दी गई हैं|
ये धृतराष्ट्र नहीं महाराष्ट्र है: अजित पवार के बारे में कहकर कुछ लोगों ने छोड़ी थी शिवसेना जब उनसे पूछा गया कि अब वे सत्ता में उनके साथ हैं तो उन्होंने कहा कि जनता ये सब समझती है|उद्धव ठाकरे ने यह वाक्य भी दोहराया कि यह बिना आंखों वाला धृतराष्ट्र नहीं, बल्कि छत्रपति शिवाजी का महाराष्ट्र है। सरकार गठन के बाद नंदा सौख्य भारे की कामना की गई है। अजित पवार ने शरद पवार से दो दिनों तक मुलाकात क्यों की? ऐसा सवाल पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने भी जवाब दिया है कि हमारी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई|
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