मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लगातार हो रही चीतों की मौत ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अब तक कुल आठ चीतों की मौत हो गई है। कुछ विशेषज्ञ इन मौतों का कारण चीतों को लगाए घटिया रेडियो कॉलर को मानते हैं। इसलिए कूनो नेशनल पार्क में चीतों का रेडियो कॉलर हटा दिया गया है।
आशंका है कि बारिश की वजह से रेडियो कॉलर चीतों को नुकसान पहुंचा रहा था। इन बिग कैट्स को गंभीर इन्फेक्शन होने लगे थे। वहीं रविवार को वाइल्डलाइफ अधिकारियों ने बताया कि छह चीतों – पावक, आशा, धीरा, पवन, गौरव और शौर्य का रेडियो कॉलर निकाल दिया गया है। उनके स्वास्थ्य की भी जांच की गई और वे फिट हैं।
साउथ अफ्रीका के चीता एक्सपर्ट ने पुष्टि की है कि चीतों को इन्फेक्शन इसी रेडियो कॉलर की वजह से हुआ। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व चीफ वाइल्डलाइफ वार्डेन जेएस चौहान ने भी आशंका जताई थी कि चीतों की मौत इन्फेक्शन की वजह से ही हुई। वैसे तो रेडियो कॉलर आमतौर पर जंगली जानवरों की ट्रैकिंग के लिए लगाए जाते हैं लेकिन अधिकारी ने बताया कि कूनो चीतों को लगाए गए रेडियो कॉलर में डिजाइन की समस्या हो सकती है, जिसे दुरुस्त किया जाएगा।
नामीबिया से लाए गए गौरव और शौर्य गंभीर संक्रमण का शिकार हो गए थे। उनके लिए दवाईयां स्टॉक की गई हैं। समय-समय पर उनकी जांच की जा रही है और उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। इसके साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि चीतों में फिर से इस तरह के इन्फेक्शन न हों। चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत में चीते की आबादी फिर से स्थापित करने के लिए नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे।
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