मणिपुर यौन हिंसा मामले से पूरा देश वाकिफ है। संसद के मानसून सत्र में भी मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार बवाल कर रही है। चर्चा की मांग पर विपक्ष संसद में लगातार हंगामा कर रहा है। जिस वजह से सत्र नहीं चल पा रहा है। सत्र को बार-बार स्थगित करने की नौबत आ जाती है। वहीं केंद्र सरकार का मानना है कि विपक्ष सिर्फ हंगामा ही कर रहा है, चर्चा नहीं करना चाहता।
वहीं आज केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम विपक्ष से हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि मणिपुर हिंसा कि लेकर चर्चा करिए। चर्चा से ही कोई हल निकालेंगे। वे चर्चा से क्यों भाग रहे हैं। यह बहुत ही आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि ये एक संवेदनशील मामला है। और प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति ने इस मामले पर पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने विपक्ष से संरचित और रचनात्मक चर्चा का अनुरोध किया।
मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद सत्र से पहले अपनी पीड़ा व्यक्त की। पीएम ने सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे देश के 140 करोड़ देशवासी शर्मसार हो रहे हैं। महिलाओं का सम्मान हमेशा रहेगा। प्रधानमंत्री ने सख्त से सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने की प्लानिंग पहले ही कर चुकी थी। सत्र के दूसरे दिन संसद में खूब हंगामा किया। सत्र की अबतक की एक भी बैठक शांतिपूर्ण नहीं रही है। वहीं मणिपुर यौन हिंसा के वीडियो की टाइमिंग पर सवाल भी उठे। संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
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