विपक्ष के नेता के रूप में चुने जाने पर विजय वडेट्टीवार का धन्यवाद प्रस्ताव आज विधानसभा में पेश किया गया। पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, फिर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उसके बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बात की| अपने भाषण में अजित पवार ने विजय वडेट्टीवार की तारीफ करते हुए हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें तंज कसने की आदत नहीं है| क्या उन्होंने उद्धव ठाकरे पर यह चाल चली? ऐसी चर्चा अब शुरू हो गई है|
अजित पवार ने क्या कहा?: देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री के रूप में विदर्भ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, सुधीर मुनगंटीवार वन मंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और अब विजय वडेट्टीवार विपक्ष के नेता के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आप शिवसेना में शामिल हो जाएं, विदर्भ में कोई शिव सेना नहीं थी लेकिन आपने चिमूर, ब्रह्मपुरी जैसी जगहों पर शिवसेना को बढ़ाने का काम किया। ये सब काम देखने के बाद 1998 में मुझे विधान परिषद सदस्य का पद और विधायक का पद मिला| आपका 25 साल का करियर रहा है|
विजय वडेट्टीवार को साधुवाद: विजय वडेट्टीवार, आपने जो भी राजनीतिक रुख अपनाया, चाहे वह शिवसेना में हो या कांग्रेस में, वह सही था। हमें निर्वाचन क्षेत्र बदलने में दिक्कत होती है| आप दो स्थानों पर निर्वाचित हुए हैं। आपका काम, आपका जनसंपर्क बहुत बड़ा है, जब महाविकास अघाड़ी सरकार लाई गई, तो आपको बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण जैसा ही हिसाब मिलेगा। समझ नहीं आया, उस समय आपने और हमने क्या चर्चा की? ये तो आप और मैं जानते हैं| मैं किसी को यह नहीं बताऊंगा कि मैं अपनी बात का पक्का हूं, आप जानते हैं। लेकिन कहीं न कहीं इंसान को बुरा लगता है, दर्द होता है|
अजित पवार ने हाथ जोड़कर कहा, तंज कसने का मेरा स्वभाव नहीं: विपक्ष के नेता का पद मांगूं तो दूसरे नंबर पर आपका नाम आता है सोचा गया था कि बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण यह पद संभालेंगे, लेकिन आपको जो लड़ना है उससे लड़ने के बाद हम फिर से यहां हैं। कुछ में ऐसी विधि की प्रकृति होती है। मैं किसी का नाम नहीं ले रहा हूं| अजित पवार ने कहा, ”मजे की बात छोड़ दीजिए, मेरा स्वभाव तंज कसने का नहीं है, मैं आप सभी से विनम्र निवेदन करता हूं” और उन्होंने हाथ भी जोड़ दिए|
अजित पवार ने माना, ”मुझमें पड़ोसी बारामती सीट पर भी खड़े होने की हिम्मत नहीं”, कहा…!