22 C
Mumbai
Thursday, December 25, 2025
होमन्यूज़ अपडेटसरकारी अस्पताल​: मृतकों के परिवारों को ​वित्तीय सहायता देने की वडेट्टीवार ने...

सरकारी अस्पताल​: मृतकों के परिवारों को ​वित्तीय सहायता देने की वडेट्टीवार ने ​की मांग​ !

राज्य​ में 48 घंटों ​के​ अंदर नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 16 नवजात शिशु भी शामिल थे। साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज छत्रपति संभाजी​ नगर में 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत हो गई है​|​

Google News Follow

Related

राज्य​ में 48 घंटों के​ अंदर नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 16 नवजात शिशु भी शामिल थे। साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज छत्रपति संभाजीनगर में 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत हो गई है|ठाणे के पास कलवा के छत्रपति शिवाजी अस्पताल में नगर निगम की उदासीनता के कारण 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत हो गई है|

नागपुर के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 23 लोगों की मौत हो गई है| कुल मिलाकर राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और ऐसा लगता है कि सरकार की उदासीनता के कारण यह स्थिति पैदा हुई है|हालांकि, राज्य के सरकारी अस्पतालों में होने वाली मौतों के संबंध में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति नियुक्त की जानी चाहिए। साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मांग की है कि प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए|

वडेट्टीवार ने अपनी मांगें राज्य सरकार को सौंप दी हैं| इसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में बेरोजगार युवाओं की संख्या बड़ी है| इस बीच, सरकार ने सरकारी सेवा में विभिन्न पदों को नौ कंपनियों के माध्यम से अनुबंध के आधार पर भरने का निर्णय लेकर राज्य में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के साथ धोखा किया है। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न श्रेणियाँ जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति,ओबीसी और घुमंतू जनजातियों के आरक्षण को ख़त्म करने का प्रयास किया गया है। बहरहाल, सरकारी सेवा में पदों को संविदा के आधार पर भरने के सरकार के इस फैसले को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए|

मराठा आरक्षण को लेकर जालना में चल रही भूख हड़ताल के दौरान जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सरकार ने बेरहमी से लाठीचार्ज किया| कुल मिलाकर मराठा, ओबीसी और धनगर समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को संभालने में सरकार नाकाम रही है. इसलिए सरकार ने राज्य की विभिन्न जातियों और जनजातियों के सामाजिक स्वास्थ्य को बिगाड़ने का काम किया है. हालाँकि, जालना जिले में हुए इस लाठीचार्ज की जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति नियुक्त करके की जानी चाहिए।

राज्य में सूखे की स्थिति के बावजूद सरकार द्वारा सूखा घोषित नहीं किये जाने से किसानों और पशुओं को काफी परेशानी हो रही है| बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक किसानों तक नहीं पहुंचा है| किसानों के प्रति सरकार की असंवेदनशील नीति के कारण विदर्भ और मराठवाड़ा में किसान आत्महत्या बढ़ी हैं। किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी की भावना पैदा हो गई है| बहरहाल, इस संदर्भ में सरकार को तुरंत सूखा घोषित करना चाहिए और सरकार को सूखे के लिए कदम उठाने का निर्देश देना चाहिए|

वडेट्टीवार ने कहा है कि महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ और छेड़छाड़ की घटनाओं में वृद्धि हुई है और महिलाओं के अपहरण के मामलों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही राज्य के गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध में वृद्धि हुई है और राज्य की कुल कानून व्यवस्था खराब हो गई है| हालांकि इस संबंध में राज्यपाल को खुद बैठक कर इस पर गौर करना चाहिए. उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अनुरोध है कि हम इस मामले पर चर्चा के लिए विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाएं।

विजय वडेट्टीवार ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि अस्पताल में हुई मौतों पर हाई कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए| यह एक तरह से राज्य सरकार की विफलता है|इसलिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लिया जाना चाहिए|
यह भी पढ़ें-

शिखर धवन ​का​ पत्नी ​से​ अदालत की टिप्पणी​ के बाद तलाक मंजूर !

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,579फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें