मनोज जरांगे पाटिल के सराती गांव में मनोज जरांगे पाटिल की भव्य सभा का आयोजन किया गया है।मनोज जरांगे पाटिल की सभा में अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी है। तभी सुबह करीब 10.30 बजे मनोज जरांगे पाटिल भाषण स्थल पर आये।उनका भाषण शुरू हो गया है।महाराष्ट्र सरकार अगले 10 दिनों में मराठा समुदाय को आरक्षण दे| हमने 40 दिनों की समय सीमा दी थी, जिसमें से 30 दिन समाप्त हो चुके हैं। आज हम आखिरी विनती कर रहे हैं कि आप हमें मराठा समाज को आरक्षण दीजिए। हमने और आपने तय किया था कि एक महीने के अंदर आरक्षण देंगे। मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि अब सरकार को अपनी बात रखनी चाहिए| साथ ही अब मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार से कुछ अहम मांगें की हैं|
क्या हैं मनोज जरांगे की मांगें?: महाराष्ट्र में मराठा समाज को कुनबी प्रमाण पत्र देकर मराठा समाज को ओबीसी में शामिल किया जाए| निधि ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए बलिदान देने वाले 45 भाइयों के परिवार में से एक को सरकारी नौकरी दी जाए। बाहर निकाला जाए। सारथी संस्थान के माध्यम से पीएच.डी. जो छात्र ऐसा कर रहे हैं उन्हें अधिक फंड दिया जाना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। अगर महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को 50 प्रतिशत के भीतर मराठा के रूप में एक अलग श्रेणी दे दी जाए तो भी काम चल जाएगा, लेकिन हम ऐसा आरक्षण चाहते हैं जो कायम रहे।
आज का दिन हमारे जीवन का एक स्वर्णिम क्षण है: आज हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं क्योंकि हमारे पास चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं। समाज के लिए स्वर्णिम क्षण आया है| वह इस ऐतिहासिक मुलाकात के गवाह रहे हैं| जीवन भर घर के मराठा अपने सीने पर हाथ रखकर कहते रहेंगे कि मैंने अपने पोते,अपने बेटे के लिए एक ऐतिहासिक मिलन देखा है। मराठा आरक्षण को लेकर आग बबूला हैं| महाराष्ट्र के मराठा समाज की ओर से सरकार से अनुरोध है, आपके हाथ में 10 दिन हैं| आज जो लोग आए हैं उनका एक ही कहना है कि बचे हुए दस दिनों में मराठा समाज के लिए आरक्षण की घोषणा करें|
मराठा समाज अपने दिए वचन पर कायम है| हमने आपको 40 दिन का समय दिया है| उसमें हमने कहा था कि हम 40 दिन में कुछ नहीं पूछेंगे, हमने वो बात रखी है| अब सरकार के पास 10 दिन और हैं, इन 10 दिनों में मराठा समुदाय आरक्षण चाहता है| मनोज जारांगे पाटिल ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर आरक्षण नहीं मिला तो 40वें दिन क्या होगा| मनोज जारांगे पाटिल आज कार्यक्रम स्थल पर आये और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को प्रणाम करने से पहले उन्होंने अपना भाषण शुरू किया|
यह भी पढ़ें –
नेतन्याहू की हमास को सीधी चेतावनी, ”दुश्मन से लड़ने के लिए हम अपनी पूरी ताकत लगाएंगे”!