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Saturday, November 23, 2024
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खड़गे होंगे PM! ममता-राहुल का क्या होगा ?  

शशि थरूर ने कहा है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन जीतता है। तो कांग्रेस पीएम फेस के लिए पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नामित कर सकती है।  ऐसे में सवाल है कि कि विपक्ष के जो नेता पीएम दावेदार हैं उनका क्या होगा?

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शशि थरूर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा एक और पीएम चेहरा घोषित किये जाने की संभावना जताई है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर वह चेहर कौन होगा ? थरूर ने इसका खुलासा भी किया है, लेकिन, उन्होंने अपने बयान के साथ कांग्रेस के लिए ऐसी बात कही है, जिससे गांधी परिवार को  बुरा लग सकता है।

दरअसल, शशि थरूर ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन जीतता है। तो कांग्रेस पीएम फेस के लिए पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नामित कर सकती है जो, भारत के पहले दलित प्रधानमंत्री होंगे, या राहुल गांधी, क्योंकि कई मायनों में कांग्रेस परिवार द्वारा संचालित पार्टी है।” वहीं, उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है, और गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेताओं को एकजुट होकर एक नेता को चुनना होगा। दोस्तों थरूर के बयान से तीन बातें सामने आ रही है। एक यह की कई पीएम दावेदारों के साथ एक नया चेहरा खड़गे का भी सामने आया है। दूसरा यह कि, शशि थरूर यह मानते हैं कि कांग्रेस गांधी परिवार द्वारा संचालित की जा रही है। तीसरा यह कि 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम चौंका सकता है।

अब सवाल यह है कि जो पार्टी एक परिवार द्वारा संचालित की जा रही है, क्या वह मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम बनाने का प्रस्ताव पेश कर सकती है? यह लाख टके का सवाल है। ऐसा कहीं से नहीं लगता है कि कांग्रेस खड़गे को पीएम चेहरा बनाएगी। ऐसा तभी होगा जब बहुत सारे नेता पीएम बनने के लिए लाइन में होंगे। ऐसा है भी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल इंडिया गठबंधन में पीएम फेस बनने के लिए बहुत पहले से लाइन में खड़े हैं।इन नेताओं को लेकर कुछ दिन पहले अच्छी खासी चर्चा भी हुई थी। बाद में सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को सामने आकर कहना पड़ा था कि अभी इस संबंध में कोई निर्णंय नहीं लिया गया है।

पीएम फेस इंडिया गठबंधन ही घोषणा करेगा। इससे पहले भी कहा जा चुका है कि राहुल गांधी जब छोटे रहेंगे, तभी से यह कहा जाने लगा होगा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनना होगा और गांधी परिवार या यूं कहें कि कांग्रेस भी चाह रही है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने। राहुल गांधी खुद को भावी पीएम के तौर पर देखते भी हैं। क्योंकि उनका व्यवहार राजशाही जैसा ही होता है। भले वे बढ़ई, मैकेनिक या ट्रक ड्राइवर बनने का ढोंग करते हो, लेकिन सच्चाई यही है कि गांधी परिवार खड़गे को कभी भी पीएम नहीं बनने देगी। कांग्रेस का इतिहास बताता है कि गांधी परिवार जब भी गैर गांधी को बड़े पद पर बैठाया है उसे कठपुतली की तरह नचाया है। मनमोहन सिंह इसका जीता जागता उदाहरण है। जिसे सभी जानते है। यही वजह रही है कि उन्हें “मौनी बाबा” भी कहा जाता है।

वहीं, खड़गे को पीएम फेस बनाने का कांग्रेस का शिगूफा हो सकता है। इसकी वजह दलित कार्ड खेलना हो सकता है। इंडिया गठबंधन में दलित के नाम पर कोई असहमत नहीं हो सकता है। चाहे ममता बनर्जी हो, नीतीश कुमार हो चाहे अन्य नेता हो। यह एक तरह से कांग्रेस का दांवपेंच भी हो सकता है। चुनाव से पहले दलित वोटरों को पार्टी अपनी ओर करने के लिए भी ऐसी अफवाह फैला सकती है।
लेकिन, मुश्किल यह है कि क्या इंडिया गठबंधन में शामिल राजनीति दलों के नेता खड़गे को पीएम फेस बनाने पर सहमत होंगे ? यह सवाल उसी तरह का है जिस तरह से यह पूछा जाता है कि गठबंधन में कब सीटों का बंटवारा होगा। कांग्रेस आगामी पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का इन्तजार कर रही है। तभी वह इस संबंध में फैसला ले सकेगी। बहरहाल, राहुल गांधी से ज्यादा खड़गे पर सहमति बनाना आसान होगा। लेकिन क्या इंडिया गठबंधन 2024 का लोकसभा चुनाव जीतेगा ? यह भी एक सवाल है।

जैसा की थरूर ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव का नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है। लेकिन, थरूर ने यह दावा किस आधार पर किया है। यह बड़ा सवाल है? अभी तक तो यही कहा जा रहा है कि विपक्ष का यह दावा केवल बतकही है। यह सच्चाई से कोसों दूर है। सवाल यह है कि क्या विपक्ष पीएम मोदी काट खोज लिया है। हालांकि, 2024 के चुनाव का परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह भविष्य के गर्भ में है। यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि थरूर  की भविष्यवाणी कितनी सटीक है।

वहीं, थरूर का यह कहना कि कांग्रेस एक परिवार द्वारा संचालित है। इसका क्या अर्थ निकाला जाए। क्या थरूर कांग्रेस के आलाकमान से नाराज है। यह बयान तो उसी ओर संकेत कर रहे हैं। वैसे, कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप थरूर ने ही नहीं लगाया है। बल्कि कांग्रेस के कई नेता ऐसा कह चुके हैं। बीजेपी परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व कभी अच्छे नेताओं को आगे नहीं आने दिया। इस बात की टीस कई कांग्रेसी नेताओं में साफ देखी जा सकती है। और यही वजह है कि कई नेता पार्टी छोड़कर चले गए।

थरूर का यह कहना कि कांग्रेस एक परिवार से संचालित है। यह सीधा गांधी परिवार पर आरोप है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है। बहरहाल, सवाल यह है कि अगर खड़गे पीएम बनते हैं तो उनका हश्र मनमोहन जैसा होगा या जगजीवन बाबू जैसा,  शशि थरूर को इस पर भी प्रकाश डालना चाहिए।


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