बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान पर हंगामा मचा हुआ है। गुरुवार को जाति आधारित सर्वे और आरक्षण पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां नीतीश कुमार ने कहा कि मांझी उनकी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने। बता दें कि नीतीश कुमार द्वारा मंगलवार को महिलाओं पर की गई टिप्पणी पर सियासी घमासान मचा हुआ है। नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक बार फिर अपना आपा खो दिया।
बिहार विधानसभा में चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माझी ने जाति जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर जाति आधारित गणना के आंकड़े गलत होंगे तो सही लोगो तक उसका लाभ नहीं पहुंच पायेगा। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने कहा कि इस आदमी को कोई आइडिया है, हमने इसको मुख्यमंत्री बनाया था। दो माह बाद मेरी पार्टी के लोग कहने लगे कि इसको हटाइये यह गड़बड़ आदमी है। तब जाकर हम मुख्यमंत्री बने थे। क्या यह मुख्यमंत्री था , यह मेरी मूर्खता की वजह से मुख्यमंत्री बना था।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये राज्यपाल बनना चाहता था। उन्होंने बीजेपी नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसको राज्यपाल बना दीजिये। मामला बढ़ता देख तेजस्वी यादव और बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार को संभाला। बड़ा सवाल यह कि आखिर नीतीश कुमार का इस तरह से भड़काना क्या सही है जिस तरह नीतीश कुमार अपना आपा खो रहे हैं इससे कई तरह के सवाल खड़ा होने लगा है।
बता दें कि जीतन राम मांझी को जेडीयू ने 2014 में मुख्यमंत्री बनाया गया था। मांझी लगभग नौ माह तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्हें बाद में कई तरह से विवादों में घिरने के बाद से नीतीश कुमार ने उन्हें सीएम पद से हटाकर मुख्यमंत्री बने।
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