कतर कोर्ट ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है|उन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है|भारत की ओर से अपने पूर्व नौसैनिकों को लेकर कूटनीति के बाद कतर की हेकड़ी निकलती दिखाई दे रही है|सरिया कानून से चलने वाला कतर अब कतरी कोर्ट में भारत की ओर से पूर्व नौ सैनिक मामले को लेकर अर्जी दाखिल की थी, जिसे कतर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन सभी पर कतर की एक खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने का आरोप है|उस मामले में कतर की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हमने आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को सुनाई गई सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की है|विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा कि हम कतर से इस बारे में बातचीत कर रहे हैं|
2022 में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, अमित नागपाल, संजीव गुप्ता, नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और रागेश गोपकुमार इन आठ लोगों को कतर की खुफिया एजेंसी एसएसबी ने 30 अगस्त को हिरासत में लिया था। दोहा स्थित भारतीय दूतावास को सितंबर में उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गई थी। इन अधिकारियों के परिवारों ने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील की है|
कतर में मौत की सजा सुनाये जाने वाले आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को राहत