लगभग लगभग यह तय हो गया है कि जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह अपना पद शुक्रवार को छोड़ देंगे। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कल बैठक के बाद खुद ललन सिंह नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। अब साफ़ हो गया है कि नीतीश कुमार के हाथ में एक बार फिर जेडीयू की कमान होगी। सुबह जब ललन सिंह से इस संबंध में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि ऐसी बातों को बीजेपी द्वारा मीडिया में उछाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल कहानी गढ़ने की कोशिश की जा रही है, जेडीयू एक है और एक रहेगी।
हालांकि, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ललन सिंह अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे,वे पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि ललन सिंह गुरूवार को राष्ट्रीय कार्यकरिणी के पदाधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की और कल भी करेंगे। जो बातें मीडिया में फैलाई जा रही है वह भ्रामक है। उन्होंने कहा कि कल साढ़े 11 बजे एक बार फिर बैठक करेंगे। इस बैठक में जो निर्णय लिया जाएगा उसके बारे में हम कल बता देंगे। त्यागी ने ललन सिंह के इस्तीफा को लेकर मीडिया में चल रही चर्चा का ठीकरा उन्होंने बीजेपी पर फोड़ने की कोशिश की।
जेडीयू में जारी उठापटक पर नीतीश कुमार ने भी कहा था कि पार्टी कार्यकारिणी की बैठक एक सामान्य प्रक्रिया है। जिसके बारे कुछ भी नया नहीं है। बता दें कि इंडिया अलायन्स की चौथी बैठक के बाद से ही नीतीश कुमार जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह से होने की खबरें लगातार मीडिया में सुर्खियां बटोरती रही है। दावा किया गया था ललन सिंह लालू प्रसाद के करीब हो रहे हैं। जिससे नीतीश कुमार नाराज बताये जा रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार की राजनीति एक बार करवट ले रही है। दरअसल, लालू प्रसाद यादव अपने छोटे बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। इसके लिए वे नीतीश कुमार को वे राष्ट्रीय राजनीति में लाकर अपने बेटे को बिहार की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं। लेकिन जब ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया गठबंधन का पीएम फेस के लिए आगे किया तो लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार नाराज हो गए। इसके बाद से बिहार की राजनीति में उथल पुथल शुरू हो गई।
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